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Delhi News: जेल में कैदियों की मौत पर अब परिजनों को मिलेंगे 7.5 लाख रुपये! बस पांच शर्तें करनी होंगी पूरी

Delhi Government केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की जेलों में अप्राकृतिक या अस्वाभिवक मौत होने को लेकर कैदियों के परिजनों को 7.5 लाख रुपये का मुआवजा देने के फैसला किया है। इसको लेकर उपराज्यपाल के पास फाइल भेजी गई है। दिल्ली के गृहमंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि इस कदम से हमारी जेलों में हालात सुधरेंगे। खबर के माध्यम से पढ़ें कि किन-किन शर्तों पर सरकार मुआवजा देगी।

By V K Shukla Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Sat, 07 Sep 2024 02:45 PM (IST)
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दिल्ली की जेलों में अस्वाभाविक कारणों से मरने वाले कैदियों के परिजनों को मिलेगा मुआवजा। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार दिल्ली की जेलों में अस्वाभाविक कारणों से मरने वाले कैदियों के परिजनों या कानूनी उत्तराधिकारियों को 7.5 लाख रुपये का मुआवजा देगी। दिल्ली सरकार ने इस संबंध में फाइल को स्वीकृति देकर उसे उपराज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेज दिया है।

दोषी जेल अधिकारियों के वेतन से कटेगा मुआवजा

एलजी (LG VK Saxsena) के पास भेजे गए इस प्रस्ताव के तहत जिस तरह की होने वाली मौत के तहत मुआवजा मिलेगा, उसमें हिरासत में मौत, कैदियों के बीच झगड़े में मौत, जेल कर्मचारियों द्वारा पिटाई से तथा यातना से, जेल अधिकारियों द्वारा लापरवाही से या चिकित्सा व पैरामेडिकल अधिकारियों द्वारा लापरवाही से मौत के मामले शामिल होंगे। नीति में दोषी जेल अधिकारियों के वेतन से मुआवजे की राशि की वसूली का भी प्रविधान है।

दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) ने इस प्रस्ताव के बारे में कहा है कि यह पहल जेल प्रणाली के भीतर न्याय और जवाबदेही सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। उन्होंने कहा कि जेल में अस्वाभाविक परिस्थितियों में मृत्यु होने पर कैदियों के परिवारों को मुआवजा प्रदान करना मानवाधिकारों के स्तंभों को मज़बूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

इस कदम से हमारी जेलों में सुधार होगा-कैलाश गहलोत

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को विश्वास है कि इस कदम से हमारी जेलों में सुधार होगा और किसी भी तरह की लापरवाही में कमी आएगी। एक बार मंजूरी मिलने के बाद नीति अधिसूचना की तारीख से प्रभावी होगी।

प्रस्ताव के अनुसार इस सिलसिले में संबंधित जेल अधीक्षक को एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, जिसमें मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट के साथ साथ सभी जरूरी कार्रवाई शामिल होगी।यह रिपोर्ट सूचना हेतु राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को प्रस्तुत करने के लिए जेल महानिदेशक दिल्ली को भेजी जाएगी।

जेल महानिदेशक की अध्यक्षता में एक समिति होगी, जिसमें दिल्ली जेल के अतिरिक्त महानिरीक्षक, रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर, डीसीए, और लॉ ऑफिसर होंगे। समिति रिपोर्ट की समीक्षा करेगी और नियमों के अनुसार मुआवजा जारी करने पर निर्णय लेगी। समिति की जांच में यदि हिरासत में मौत में किसी जेल कर्मचारी की सीधी संलिप्तता पाई जाती है, तो उस बारे में भी कार्रवाई के लिए फैसला लेगी।

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