कवि सम्मेलन में उजागर हुई देवभूमि की पीड़ा, मनीष सिसोदिया ने कसा उत्तरांखड सरकार पर तंज
कवि सम्मेलन अकादमी के उपाध्यक्ष एमएस रावत की अध्यक्षता में हिंदी भवन सभागार में सम्पन्न हुआ। अकादमी के सचिव डा जीतराम भट्ट ने संचालन किया। इस कवि सम्मेलन में तीनों भाषाओं के कवियों ने काव्यपाठ किया। कवि सम्मेलन में तीनों भाषाओं के कवियों ने काव्यपाठ किया।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Thu, 21 Jan 2021 11:05 AM (IST)
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली सरकार के तहत काम कर रही गढ़वाली, कुमाऊनी एवं जौनसारी अकादमी ने बुधवार को राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह कवि सम्मेलन देवभूमि उत्तराखंड की पीड़ा को उजागर करता है। उत्तराखंड तो बन गया, लेकिन आंदोलन के सपने अधूरे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में भी देवभूमि की अकादमी का कवि सम्मेलन ऐतिहासिक कदम है। यह लोकतंत्र की आत्मा से जुड़ाव का प्रतीक है।
उपमुख्यमंत्री ने कवियों की सराहना करते हुए उन्हें देवभूमि की भाषा एवं संस्कृति का ध्वजवाहक बताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने देवभूमि की भाषा की अकादमी नहीं बनाई, लेकिन आपके सहयोग और प्रेरणा से दिल्ली सरकार ने गढ़वाली, कुमाऊनी एवं जौनसारी अकादमी की स्थापना की।मनीष सिसोदिया ने कहा कि उत्तराखंड में बनी बिजली से केजरीवाल सरकार दिल्लीवासियों को 24 घंटे बिजली दे रही है, लेकिन वहां के लोगों को बिजली नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कवियों से कहा कि आपकी कविताओं में एंबुलेंस के अभाव में दम तोड़ती महिलाओं की आवाज भी सुनाई देनी चाहिए। यदि कवियों के संयुक्त आवाज से उत्तराखंड का निर्माण हो सकता है तो वहां विकास भी ही सकता है। इसलिए इस मंच से उत्तराखंड के लोगों की आवाज राष्ट्रीय स्तर पर उठाएं। देवभूमि के कवि वहां की महिलाओं, युवाओं, किसानों की की आवाज को सामने लाएं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश के विभिन्न प्रांतों की सभी क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहन देकर दिल्ली सरकार ने अनेकता में एकता का संदेश दिया है। यह भारतीय गणतंत्र को मजबूत करने की दिशा में दिल्ली का बड़ा योगदान है। यह सम्मेलन अकादमी के उपाध्यक्ष एमएस रावत की अध्यक्षता में हिंदी भवन सभागार में सम्पन्न हुआ। अकादमी के सचिव डा जीतराम भट्ट ने संचालन किया। इस कवि सम्मेलन में तीनों भाषाओं के कवियों ने काव्यपाठ किया। इनमें कुमाऊनी के पूर्ण चंद्र कांडपाल, रमेश हितैषी और डा. दमयंती शर्मा प्रमुख हैं। गढ़वाली में मदन डुकलान, पृथ्वी सिंह केदारखंडी और दिनेश ध्यानी ने काव्यपाठ किया। जौनसारी में खजानदत्त शर्मा ने कविताएं सुनाई। इस दौरान विधायक दिनेश मोहनिया और निगम पार्षद गीता रावत आदि मौजूद थे।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
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