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2012 Nirbhaya Case: फांसी की सजा पाये विनय की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश

निर्भया मामले में फांसी की सजा पाये दोषियों की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश दिल्ली सरकार ने की है। फाइल उपराज्यपाल को भेज दी गई है।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Mon, 02 Dec 2019 08:54 AM (IST)
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2012 Nirbhaya Case: फांसी की सजा पाये विनय की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषियों को जल्द फांसी दिए जाने की तेज होती मांग के बीच केजरीवाल सरकार ने विनय शर्मा की दया याचिका खारिज करने की संस्तुति कर दी है।फाइल उपराज्यपाल को भेज दी है। अब उपराज्यपाल अपनी संस्तुति के साथ इसे गृह मंत्रलय को भेजेंगे। पूरे मामले में सिर्फ विनय ने ही दया याचिका दाखिल की थी।

दिल्ली सरकार के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दोषी विनय द्वारा युवती के साथ जिस तरह का जघन्य व क्रूर अपराध किया गया है उसे माफ नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने अपील याचिका के बाद ही विशेष अनुमति याचिका को भी खारिज करते हुए निचली अदालत द्वारा 5 मई 2017 को दोषी को सुनाई गई फांसी की सजा को बरकरार रखा था।

निर्भया की मां ने किया फैसले का स्वागत 

विनय शर्मा की दया खारिज करने की सिफारिश का निर्भया की मां ने स्वागत किया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि उम्मीद है जल्द ही दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा। निर्भया की मां ने कहा वह दोषियों को फांसी दिलवाने के लिए सात साल से लड़ाई लड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि अभी हाल में ही हैदराबाद में एक महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी गई। सरकार और प्रशासन को सोचना चाहिए की लगातार ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं।

अदालत में भी इसे लेकर चल रहा है मामला

दोषियों को फांसी देने की मांग को लेकर पीड़िता की मां की तरफ से दायर याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट ने सभी दोषियों को नोटिस जारी करके पूछा है कि उन्होंने दया याचिका दायर की है या नहीं? 

यह है घटना

16 दिसंबर 2012 की रात में फिजियोथेरपिस्ट की पढ़ाई कर रही छात्र के साथ वसंत विहार इलाके में चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। इसके बाद पीड़िता को चलती बस से फेंक दिया गया था और उसके दोस्त के साथ मारपीट की गई थी। छात्रा को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई थी। इस मामले ने दिल्ली समेत पूरे देश को दहला कर रख दिया था। पूरे देश में जोरदार तरीके से विरोध प्रदर्शन हुए थे।

इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिसमें से एक नाबालिग था। बस चलाने वाला आरोपित राम सिंह तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर लिया था। हालांकि खुदकुशी पर सवाल भी उठे थे। नाबालिग होने की वजह से एक को तीन साल की सजा सुनाई गई थी जबकि चार अन्य को फांसी की सजा सुनाई गई थी। चारों दोषी दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील कर चुके हैं और अपील खारिज भी हो चुकी है। इन दोषियों में से विनय शर्मा ने दया याचिका दायर की थी। निर्भया की मां दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दिए जाने की मांग कर रही हैं।

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