Clean Air Survey: दो साल में और खराब हो गई दिल्ली की हवा, इस बार मिला 11वां स्थान
दिल्ली स्वच्छ वायु सर्वेक्षण (Clean Air Survey) में दो पायदान नीचे खिसककर 11वें स्थान पर आ गई है। वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए किए गए दावों के बावजूद दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ है। सर्वेक्षण में बायोमास व कूड़ा जलाने वाहनों के धुएं व धूल के कारण होने वाले प्रदूषण के लिए 65 प्रतिशत स्कोर निर्धारित है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए किए जाने वाले तमाम दावों के बावजूद दिल्ली स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में सुधार करना तो दूर दो पायदान नीचे फिसल गई।
इस वजह से सर्वेक्षण में स्वच्छ वायु गुणवत्ता की रैंकिंग में देश के 47 बड़े शहरों की सूची में दिल्ली 11वें स्थान पर रही। शनिवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने यह सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की है।
देश के 130 शहरों के वायु गुणवत्ता व वायु प्रदूषण कम करने के लिए शुरू किए गए एक्शन प्लान के तहत यह रैंकिंग निर्धारित की गई है। आबादी के आधार पर शहरों को तीन श्रेणी में बांट कर सर्वेक्षण किया गया।
दिल्ली को दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की पहली श्रेणी में रखा गया, जिसमें 47 शहर शामिल रहे। पिछले वर्ष इस सर्वेक्षण में दिल्ली को 177 अंक मिले थे। तब दिल्ली की रैंकिंग नौ थी।
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रैंकिंग में 11वें स्थान पर पहुंची दिल्ली
इस बार दिल्ली ने स्कोर में थोड़ा सुधार किया। इससे दिल्ली को का स्कोर 181 रहा, लेकिन वायु स्वच्छता की रैंकिंग में 11वें स्थान पर पहुंच गई। इस सर्वेक्षण में बायोमास व कूडा जलाने, वाहनों के धुएं व धूल के कारण होने वाले प्रदूषण के लिए 65 प्रतिशत स्कोर निर्धारित है।
दिल्ली में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण वाहनों का धुआं, धूल, बायोमास व कूडा जलना है। इसमें खास सुधार नहीं हुआ है। सीपीसीबी के सदस्य अनिल गुप्ता ने कहा कि दिल्ली को वायु प्रदूषण में सुधार के लिए जो बजट मिला था, वह भी पूरा खर्च नहीं हुआ। प्रदूषण कम करने के लिए एक्शन प्लान पर बेहतर काम करना होगा।
प्रदूषण के स्रोत व एक्शन प्लान अनुसार निर्धारित अंक
- बायोमास व कूड़ा जलाना- 20 प्रतिशत
- सड़क का धूल- 20 प्रतिशत
- ढांचागत निर्माण व ढहाने के कारण धूल- पांच प्रतिशत
- वाहनों से निकाला धुआं- 20 प्रतिशत
- फैक्ट्रियों से निकला धुआं- 20 प्रतिशत
- अन्य स्रोत- 10 प्रतिशत
- जागरूकता अभियान- 2.5 प्रतिशत
- पीएम- 10 के स्तर में सुधार- 2.5 प्रति शत
सर्वेक्षण में शामिल एक्शन प्लान
- सड़कों को पक्की बनाना
- सड़कों की मशीन से सफाई
- लैंडफिल साइटों पर कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण
- निर्माण व विध्वंस मलबे का बेहतर निस्तारण
- हरित क्षेत्र का विकास
- डंपिंग साइट को स्वच्छ कर नगर वाटिका का निर्माण
- मियांवाकी तकनीक से हरित क्षेत्र का विकास
- बेहतर यातायात प्रबंधन