ब्लैक फंगस के इलाज की दवा की कमी पर केंद्र व दिल्ली सरकार दे जानकारी, HC ने पूछा अचानक कैसे हो गई कमी
कोरोना महामारी से ठीक होने वाले मरीजों को अपनी चपेट में लेने वाले ब्लैक-फंगस के इलाज की दवा की कमी के मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र व दिल्ली सरकार से जानकारी देने का निर्देश दिया है।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Wed, 19 May 2021 09:11 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी से ठीक होने वाले मरीजों को अपनी चपेट में लेने वाले ब्लैक-फंगस के इलाज की दवा की कमी के मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र व दिल्ली सरकार से जानकारी देने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि सरकार विस्तार बताए कि आखिर समस्या है और स्थानीय स्तर पर दवा का निर्मित किये जाने के बावजूद भी इसकी अचानक आपूर्ति कम कैसे हो सकती है।
पीठ ने उक्त टिप्पणी और निर्देश अधिवक्ता राकेश मल्होत्रा उठाए गए सवालों पर दिये।राकेश मल्होत्रा ने कहा कि म्यूकोर्मिकोसिस (काले कवक) के इलाज के लिए दवा एम्फोटेरिसिन-बी की कमी है। दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए स्टैंडिंग काउसंल राहुल मेहरा ने कहा कि इस दवा की कमी है और इसकी स्थिति रेमडेसिविर से भी बदतर है। हमने केंद्र सरकार से दवा की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में बनाई गई समिति दिन में दो बार बैठक् करती है, लेकिन जब स्टॉक नहीं है तो वे बफर स्टॉक नहीं दे सकते।
मेहरा ने कहा कि न केवल दिल्ली बल्कि अन्य सभी राज्य इस कमी का सामना कर रहे हैं और केंद्र इन दवाओं को राज्यों को रोटेशन के आधार पर आपूर्ति करता है। पीठ ने केंद्र व दिल्ली सरकार से कहा कि इस संबंध में निर्देश लेकर बृहस्पतिवार को जानकारी उपलब्ध कराएं।मेहरा ने स्पष्ट किया कि दवा की मांग अचानक बढ़ गई है और बीते चार दिन से इसमें तेजी से वृद्धि हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस एक संक्रमण के कारण होने वाली जटिलता है। इस बीमारी का पता उन रोगियों में लग रहा है जो कोरोना से ठीक हो रहे हैं या ठीक हो चुके हैं।
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