शरजील इमाम को मिलेगी जमानत या जेल में रहेंगे? 17 फरवरी तक होगा फैसला; HC ने ट्रायल कोर्ट को दिया आदेश
शरजील इमाम ने कहा है कि वह कथित अपराध के लिए अधिकतम सात साल की कैद में से चार साल पहले ही जेल में काट चुके हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर निचली अदालत उन्हें जमानत देने से इनकार करता है तो वह हाई कोर्ट में आदेश के खिलाफ अपील दायर कर सकते हैं। इमाम इस मामले में 28 जनवरी 2020 से जेल में बद हैं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सीएए व एनआरसी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान देशद्रोही भाषण से संबंधित मामले में वैधानिक जमानत मागने वाले जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम की अर्जी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत को 17 फरवरी तक फैसला करने का आदेश दिया।
हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को दिया निर्देश
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ नियमित जमानत की मांग करने वाली इमाम की याचिका का निपटारा यह कहते हुए कहा कि वैधानिक जमानत की मांग करने वाला उनका आवेदन पहले से ही ट्रायल कोर्ट के समक्ष लंबित है। ऐसे में निचली अदालत को सुनवाई की अगली तारीख (12 फरवरी) से 10 दिनों के भीतर उक्त आवेदन पर निर्णय लेने का निर्देश दिया जाता है।
28 जनवरी 2020 से जेल में बंद हैं शरजील इमाम
शरजील इमाम ने कहा है कि वह कथित अपराध के लिए अधिकतम सात साल की कैद में से चार साल पहले ही जेल में काट चुके हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर निचली अदालत उन्हें जमानत देने से इनकार करता है तो वह हाई कोर्ट में आदेश के खिलाफ अपील दायर कर सकते हैं। इमाम इस मामले में 28 जनवरी 2020 से जेल में बद हैं। इमाम इसके अलावा दिल्ली दंगा से जुड़े साजिश रचने के मामले में भी आरोपित हैं और इससे जुड़ी जमानत याचिका हाई कोर्ट के समक्ष लंबित है।बता दें कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने सीएए और एनआरसी के विरोध में 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया में और 16 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ विरोध भाषण दिया था। इमाम पर दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा द्वारा दर्ज मामले में मामला दर्ज किया गया था। जबकि मामला शुरू में राजद्रोह के अपराध के लिए दर्ज किया गया था, बाद में यूएपीए की धारा 13 लागू की गई थी। वह 28 जनवरी, 2020 से मामले में हिरासत में हैं।
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