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दिल्ली HC का केंद्र और दिल्ली सरकार को निर्देश- स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ पाने की प्रक्रिया में करें सुधार

आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के लोगों के सामने आने वाली स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को देखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को विभिन्न स्वास्थ्य कल्याण योजनाओं के तहत चिकित्सा सुविधाओं का लाभ उठाने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने का निर्देश दिया है। अदालत ने समिति को अगली सुनवाई तक एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

By Vineet TripathiEdited By: Nitin YadavUpdated: Sat, 30 Sep 2023 10:17 AM (IST)
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दिल्ली HC का केंद्र और दिल्ली सरकार को निर्देश।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के लोगों के सामने आने वाली स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को देखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को विभिन्न स्वास्थ्य कल्याण योजनाओं के तहत चिकित्सा सुविधाओं का लाभ उठाने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने का निर्देश दिया है।

मौजूदा व्यवस्था की खामियों को दूर करने के लिए दिल्ली के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन करते हुए अदालत ने कहा कि मुफ्त चिकित्सा उपचार प्राप्त करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जाना चाहिए। इसमें विभिन्न सर्जरी के साथ-साथ प्रत्यारोपण/उपकरणों के लिए सर्जरी भी शामिल है।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने दिल्ली के प्रत्येक अस्पताल में नामित नोडल अधिकारियों के साथ एकल-विंडो तंत्र स्थापित किए जाने पर भी जोर दिया।

अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली आरोग्य कोष और दिल्ली आरोग्य निधि योजनाएं बनाई हैं और केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय आरोग्य निधि और स्वास्थ्य मंत्री विवेकाधीन अनुदान जैसी योजनाएं शुरू की हैं।

लोगों को इलाज के लिए भटकना पड़ता है: याचिकाकर्ता

वहीं, मामले में न्याय मित्र नियुक्त किए गए अधिवक्ता टी सिंहदेव पीठ को सूचित किया कि दिल्ली आरोग्य कोष योजना के तहत वित्तीय सहायता हासिल करने की प्रक्रिया मरीजों को परेशान करने वाली है। इसकी वजह यह है कि रोगी को लाभ पाने के लिए स्वास्थ्य सेवा निदेशालय में अपना आवेदन जमा करने से पहले ही अधिकारियों से विभिन्न प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए दर-दर भटकना पड़ता है।

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स्वास्थ्य सुविधाओं की  प्रक्रिया को सुधाना चाहिए: अदालत

इस पर अदालत ने कहा कि इन योजनाओं के तहत चिकित्सा सुविधाओं का लाभ उठाने की प्रक्रिया को काफी सुव्यवस्थित करना चाहिए। अदालत द्वारा गठित की गई समिति में मुख्य सचिव के अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव, दिल्ली नगर निगम के आयुक्त और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा नामित सदस्य शामिल होंगे।

अदालत ने कहा कि समिति विशिष्ट पद्धति का सुझाव दे सकती है ताकि इसके तहत ईडब्ल्यूएस श्रेणी के रोगियों को वित्तीय सहायता वितरित होने तक उपचार/दवाओं का लाभ मिलता रहेगा। अदालत ने समिति को अपनी सिफारिशों के साथ 16 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई से पहले रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

AIIMS ने किया इलाज से इनकार

उपचार के लिए रुपये नहीं हाेने पर एम्स द्वारा इलाज करने से इनकार करने के खिलाफ एक व्यक्ति ने याचिका दायर की थी। इस पर एम्स व्यक्ति की सर्जरी करने के लिए सहमत हो गया था और उसने याचिका वापस ले ली थी, लेकिन अदालत ने व्यापक रूप से प्रभावित होते लोगों को देखते हुए मामले मेें जनहित याचिका शुरू की थी।

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