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'नगर निगम बंद कर देंगे', MCD कर्मचारियों को समय पर वेतन-पेंशन न देने पर HC की कड़ी फटकार

हाई कोर्ट ने कहा कि यह कर्मचारियों का मूल वेतन है और यदि एमसीडी ऐसा करने में विफल रही है तो अदालत नगर निगम को बंद करने का आदेश देने पर विचार कर सकता है। अदालत ने निगम का पक्ष रख रहे अधिवक्ता को कहा कि जाकर निगम आयुक्त को बताएं कि यह आखिरी मौका है। अदालत अब सख्त कार्रवाई करेगी।

By Ritika Mishra Edited By: Shyamji Tiwari Updated: Fri, 09 Feb 2024 06:10 PM (IST)
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MCD कर्मचारियों को समय पर वेतन-पेंशन न देने पर HC की कड़ी फटकार

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। नगर निगम में सेवारत कर्मचारियों को समय पर वेतन और पूर्व कर्मचारियों को पेंशन व बकाया भुगतान करने में विफलता पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) आयुक्त ज्ञानेश भारती फटकार लगाई। अदालत ने मामले में कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह मामला चार साल से खिंच रहा है। हम एक अच्छे दिन की प्रतीक्षा कर रहे हैं जब निगम अपनी वित्तीय स्थिति में वृद्धि करेगा।

HC ने कहा- यह आखिरी मौका है

अदालत ने निगम का पक्ष रख रहे अधिवक्ता को कहा कि जाकर निगम आयुक्त को बताएं कि यह आखिरी मौका है। अदालत अब बहुत सख्त कार्रवाई करेगी। मामले में अब चार साल का इंतजार नहीं किया जाएगा। इसे चार सप्ताह में ही समाप्त किया जाए।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने कहा कि यह कर्मचारियों का मूल वेतन है और यदि एमसीडी ऐसा करने में विफल रही है, तो अदालत नगर निगम को बंद करने का आदेश देने पर विचार कर सकता है। पीठ ने कहा कि इस समस्या को व्यवस्थित करें। अन्यथा यह एक उपयुक्त मामला है जहां नगर पालिकाओं को बंद करने की आवश्यकता है।

परिणाम भुगतने की चेतावनी

अपने आदेश में पीठ ने यह स्पष्ट कर दिया कि सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन, पेंशन और बकाया का भुगतान करना एक वैधानिक दायित्व है। यदि एमसीडी ऐसा करने की स्थिति में नहीं है, तो परिणाम भुगतने होंगे। अदालत ने कहा कि वह अपने संसाधनों को बढ़ाने के तरीके और साधन खोजने के लिए एमसीडी का इंतजार नहीं करेगी। सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन का भुगतान करना एक वैधानिक दायित्व है। अगर एमसीडी मूल वेतन देने की स्थिति में नहीं है तो परिणाम भुगतने होंगे।

10 दिनों में जारी कर दिया जाएगा वेतन-पेंशन

पीठ की कड़ी फटकार के बाद एमसीडी के स्टैंडिंग काउंसिल दिव्य प्रकाश पांडे ने कोर्ट को हलफनामा दिया कि कर्मचारियों का वेतन और पेंशन 10 दिनों में जारी कर दिया जाएगा। पांडे ने कहा कि वह बकाया के मुद्दे पर निर्देश लेंगे। पांडे ने अदालत को बताया कि एमसीडी बकाया चुकाने के लिए कदम उठा रही है और एक समय बकाया में भुगतान की जाने वाली कुल राशि लगभग एक हजार करोड़ थी जो अब घटकर 400 करोड़ हो गई है।

उन्होंने कहा कि सकारात्मक निर्देश लेकर आएंगे और सूचित करेंगे कि हम इसे कब मंजूरी देंगे। अदालत ने दलीलें दर्ज करने के बाद मामले को स्थगित कर दिया। अदालत सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार एमसीडी कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और बकाया का समय पर भुगतान न करने से संबंधित लगभग आधा दर्जन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा थी। दिल्ली सरकारी की ओर से उपस्थित अधिवक्ता सत्यकामने अदालत को बताया कि 24 जनवरी को दिल्ली सरकार ने एमसीडी के लिए 803 करोड़ रुपये मंजूर किए थे और यह राशि नगर निगम के खाते में जमा कर दी गई है।

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