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पाकिस्तान से आए हिंदू प्रवासी अपने लोग, कम से कम इन्हें दिवाली का तोहफा मिलना चाहिए- दिल्ली HC

Pakistani Hindu Immigrants आदर्श नगर इलाके में रह रहे पाकिस्तान से आए हिंदू प्रवासियों को बिजली कनेक्शन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने से जुड़े मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को मौखिक टिप्पणी में कहा कि वे अपने लोग हैं

By Vineet TripathiEdited By: GeetarjunUpdated: Mon, 10 Oct 2022 04:04 PM (IST)
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पाकिस्तान से आए हिंदू प्रवासी अपने लोग, कम से कम इन्हें दिवाली का तोहफा मिलना चाहिए- दिल्ली HC

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। आदर्श नगर इलाके में रह रहे पाकिस्तान से आए हिंदू प्रवासियों को बिजली कनेक्शन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने से जुड़े मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को मौखिक टिप्पणी में कहा कि वे अपने लोग हैं और बिजली के बिना रह रहे हैं। कम से कम आपको उन्हें दिवाली का तोहफा देना चाहिए था।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अनुराग अहलुवालिया ने सूचित किया कि इस मामले को उच्चतम स्तर पर देखा जा रहा है। पीठ ने जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को तीन सप्ताह का समय देते हुए सुनवाई दस नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।

रक्षा मंत्रालय के सामने उठाया जा रहा मुद्दा

अहलूवालिया ने सूचित किया कि बिजली कनेक्शन के लिए एनओसी देने का मामला रक्षा मंत्रालय के साथ उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने उच्चतम अधिकारियों के साथ मामला उठाया है क्योंकि एनओसी रक्षा मंत्रालय द्वारा दी जानी है।

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बिजली कंपनी मांग रही जमीन का मालिकाना हक

याचिका में कहा गया है कि बिजली कंपनी ने हिंदू प्रवासियों को बिजली आपूर्ति करने के लिए जमीन के मालिकाना हक का सुबूत मांगा है। पीठ ने पिछली सुनवाई पर कहा था कि वह उम्मीद करती है कि केंद्र इस मामले में प्रवासियों की दुर्दशा को सहानुभूतिपूर्वक देखेगा।

जनहित याचिका में बिजली कनेक्शन देने की मांग

अक्टूबर 2021 में याचिकाकर्ता हरिओम ने जनहित याचिका दायर की थी। केंद्र सरकार ने इस पर अदालत को सूचित किया था कि अपने शिविरों में बिजली कनेक्शन की मांग करने वाले पाकिस्तानी हिंदू प्रवासी रक्षा मंत्रालय की भूमि पर रह रहे थे। केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि था प्रवासियों ने उक्त भूमि पर अतिक्रमण किया था। ऐसे में उनकी याचिका गलत है और इसे खारिज किया जाना चाहिए।

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