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कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला: दिल्ली HC ने पूर्व लोक सेवक की तीन साल की सजा निलंबित की, CBI से मांगा जवाब

छत्तीसगढ़ में कोल ब्लॉक आवंटन में अनियमितता से जुड़े एक मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व लोक सेवक केसी सामरिया की तीन साल की सजा को निलंबित कर दिया है। अदालत ने सामरिया की अपील को स्वीकार करते हुए अन्य दोषियों की संबंधित याचिकाओं के साथ आगे की सुनवाई के लिए नियमित मामले की श्रेणी में सूचीबद्ध किया है।

By Jagran NewsEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Tue, 22 Aug 2023 10:27 PM (IST)
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दिल्ली HC ने पूर्व लोक सेवक की तीन साल की सजा निलंबित की
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। छत्तीसगढ़ में कोल ब्लॉक आवंटन में अनियमितता से जुड़े एक मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व लोक सेवक केसी सामरिया की तीन साल की सजा को निलंबित कर दिया है। सामरिया ने अपनी दोषसिद्धि और जेल की सजा को चुनौती दी है।

CBI से हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

अदालत ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली सामरिया की याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अदालत ने सामरिया की अपील को स्वीकार करते हुए अन्य दोषियों की संबंधित याचिकाओं के साथ आगे की सुनवाई के लिए नियमित मामले की श्रेणी में सूचीबद्ध किया है।

न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि याचिका लंबित रहने तक निचली अदालत याचिकाकर्ता को निलंबित रखेगी। सीबीआई का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता तरन्नुम चीमा ने किया। सुनवाई के दौरान सामरिया की ओर से पेश अधिवक्ता राहुल त्यागी ने कहा कि दोषी ने ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाए गए 20 हजार रुपये की जुर्माना राशि पहले ही जमा कर दी है।

अदालत से सजा को निलंबित करने का किया आग्रह

उन्होंने कहा कि सामरिया को मुकदमे के दौरान कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था। अधिवक्ता ने अदालत से जेल की सजा को निलंबित करने का आग्रह किया। हाई कोर्ट की एक अन्य पीठ ने 16 अगस्त को मामले में सह-आरोपित और पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और पूर्व लोक सेवक केएस क्रोफा की तीन साल की सजा को निलंबित कर दिया था और उनकी अपील लंबित होने तक उन्हें जमानत दे दी थी।

निचली अदालत ने जुलाई में गुप्ता, क्रोफा ओर सामरिया को मामले में दोषी करार देते हुए तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी। हालांकि, निचली अदालत ने तीनों को 45 दिनों की जमानत दे दी थी, ताकि वह उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी दोषसिद्धि और सजा को चुनौती दे सकें।

इसके अलावा निचली अदालत ने इस मामले में पूर्व राज्यसभा सांसद विजय दर्डा, उनके बेटे देवेंद्र और व्यापारी मनोज कुमार जायसवाल को भी दोषी ठहराया था और चार साल की जेल की सजा सुनाई थी। दो दिन बाद हाई कोर्ट ने 28 जुलाई को विजय दर्डा, उनके बेटे देवेंद्र और मनोज कुमार जायसवाल को अंतरिम जमानत दे दी थी। 

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