Delhi: फर्जी तरीके से कारों का फाइनेंस करवा कर HDFC बैंक को लगाया 2.5 करोड़ का चूना, मामले में 3 गिरफ्तार
फर्जी तरीके से कारों का फाइनेंस करवा एचडीएफसी बैंक को 2.5 करोड़ का चूना लगाने के मामले में साइबर सेल ने मास्टरमाइंड समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने जाली दस्तावेजों के जरिए 20 से अधिक आनलाइन खाते खोले लिए थे।
By Rakesh Kumar SinghEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Fri, 10 Mar 2023 12:34 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। फर्जी तरीके से कारों का फाइनेंस करवा एचडीएफसी बैंक को 2.5 करोड़ का चूना लगाने के मामले में साइबर सेल ने मास्टरमाइंड समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने जाली दस्तावेजों के जरिए 20 से अधिक आनलाइन खाते खोले लिए थे। पुलिस को अभी दो कारों के बारे में जानकारी मिल गई है। 10 अन्य कारों को फाइनेंस किए जाने की जानकारी की जांच की जा रही है।
डीसीपी प्रशांत पी गौतम के मुताबिक गिरफ्तार किए गए सरगना का नाम विजय चौधरी व उसके दो सहयोगियों के नाम वीरेंद्र और कुलदीप है। फर्जी दस्तावेजों पर फाइनेंस करवाई गई दो कारों को बेचकर आरोपितों ने आठ लाख वसूले थे। एचडीएफसी बैंक लिमिटेड से आईएफएसओ, स्पेशल सेल को एक शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत में कहा गया था कि कुछ व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए 15 खाते खोल एचडीएफसी बैंक से ऋण की विभिन्न श्रेणियों का लाभ उठाया है। ऋण राशि बकाया ही है जबकि ऋण खाताधारक का पता नहीं चल रहा है।
आंतरिक जांच में उन्होंने पाया कि उक्त 15 बैंक खातों में आधार कार्ड, पैन कार्ड और अलग-अलग नामों से केवल पांच व्यक्तियों द्वारा खोला गया है। शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान बैंक से संबंधित दस्तावेज एकत्र किए गए और लापता अपराधियों की तलाश शुरू कर दी गई। जांच से पता चला कि आरोपितों ने हाल ही में महिंद्रा थार कार बुक कराई है। पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया के शोरूम पर रमेश वर्मा के नाम से फर्जी पहचान पत्र बनाया गया।
संगम पार्क, खोरा कालोनी, गाजियाबाद, यूपी का पता और उसी को एक्सिस से फाइनेंस कराया है। वे लोग 28 फरवरी को डिलीवरी लेने आ सकते हैं। पुलिस टीम ने पटपड़गंज में महिंद्रा शोरूम के पास से विजय चौधरी व वीरेंद्र कुमार को दबोच लिया। वीरेंद्र ने रमेश वर्मा के नाम पर डिलीवरी लेने शोरूम पर आया था। विजय चौधरी बिहार के छपरा का रहने वाला है।पूछताछ से पता चला कि उक्त कार उसे कुलदीप को सौंपनी थी। गिरफ्तारी के समय विजय चौधरी के मोबाइल पर कुलदीप का वाट्स एप काल आ रहा था। उसे बहादुरगढ़ बार्डर से पकड़ लिया गया। पूछताछ में पता चला कि विजय चौधरी ऐसे फर्जी तरीके से कार फाइनेंस करवा उसे बेच देता था। शोरूम मूल्य की कुल राशि के 40 प्रतिशत पर कुलदीप कार खरीदता था। विजय ने 10 से अधिक कारें बेचे की बात स्वीकारी।
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