Delhi Budget 2024: स्वास्थ्य के बजट में लगातार तीसरे साल कटौती, एंबुलेंस सेवा में होगा विस्तार
Delhi Budget 2024 में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कोई बहुत बड़ी नई योजना की घोषणा नहीं की गई है। निर्माणाधीन अस्पतालों व मौजूदा अस्पतालों के विस्तार की योजनाओं को पूरा करने पर ही जोर होगा। साथ ही दिल्ली सरकार कैट्स एंबुलेंस सेवा में विस्तार करेगी। आगामी बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 8685 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है।
रणविजय सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने बजट में राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले हर व्यक्ति को विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही है। शिक्षा और आवास एवं शहरी विकास के बाद तीसरा सबसे ज्यादा बजट स्वास्थ्य क्षेत्र को आवंटित किया गया है, लेकिन स्वास्थ्य के बजट में लगातार तीसरे वर्ष कटौती हुई है।
पिछले बार के मुकाबले ही इस बार स्वास्थ्य का बजट 10.84 प्रतिशत कम किया गया है। बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कोई बहुत बड़ी नई योजना की घोषणा नहीं की गई है। निर्माणाधीन अस्पतालों व मौजूदा अस्पतालों के विस्तार की योजनाओं को पूरा करने पर ही जोर होगा। साथ ही दिल्ली सरकार कैट्स एंबुलेंस सेवा में विस्तार करेगी।
स्वास्थ्य के लिए 8,685 करोड़ रुपये का प्रविधान
आगामी वित्त वर्ष के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 8,685 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। यह दिल्ली के कुल बजट का करीब 11 प्रतिशत हिस्सा है और यह पिछले वर्ष की तुलना में 1057 करोड़ कम है।वहीं वर्ष 2021-22 से तुलना करें तो स्वास्थ्य का बजट 1249 करोड़ कम हो चुका है। वर्ष 2020 में कोरोना का संक्रमण शुरू होने पर वर्ष 2021-22 में स्वास्थ्य के बजट में बढ़ोतरी की गई थी। इसके बाद लगातार स्वास्थ्य के बजट में कटौती देखी जा रही है।
परियोजनाओं व स्वास्थ्य कार्यक्रमों का बजट 29 प्रतिशत कम
चिकित्सा क्षेत्र की परियोजनाओं और स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बजट में करीब 29 प्रतिशत तक कटौती हुई है। इस वजह से चिकित्सा परियोजनाओं और स्वास्थ्य कार्यक्रमों का बजट 1407 करोड़ रुपये कम हो गया है।अस्पतालों के निर्माण और मौजूदा अस्पतालों के विस्तार के लिए सरकार अगले वित्त वर्ष में 400 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इससे निर्माणाधीन अस्पतालों के परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी।
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बजट में कहा गया है कि वर्ष 2014 में दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 9534 बेड थे जो अब बढ़कर 13,708 हो चुके हैं। इससे पहले के मुकाबले अस्पतालों में डेढ़ गुना अधिक मरीजों का इलाज हो पा रहा है।11 निर्माणाधीन अस्पतालों का कार्य पूरा होने पर अस्पतालों में 11,500 बेड बढ़ जाएंगे। इसके अलावा मौजूदा अस्पतालों के विस्तार की योजना पर भी काम चल रहा है। इससे भी अस्पतालों में बेड बढ़ेंगे। अस्पतालों में मरीजों को निशुल्क दवा उपलब्ध कराने के लिए सरकार 658 करोड़ रुपये खर्च करेगी। बजट में दावा किया गया है कि पहले दिल्ली के लोगों की आय का 15 प्रतिशत हिस्सा इलाज पर खर्च करना पड़ता था। अब मोहल्ला क्लीनिक, निजी अस्पतालों में निशुल्क सर्जरी, हादसा पीड़ितों के निशुल्क इलाज व निशुल्क जांच की योजनाओं से इलाज का खर्च कम हुआ है।194 करोड़ की लागत से खरीदी जाएंगी अत्याधुनिक एंबुलेंस
दिल्ली कैट्स एंबुलेंस सेवा के बेड़े में वर्ष 2014 में 155 एंबुलेंस थीं। मौजूदा समय में 380 एंबुलेंस मौजूद हैं। सरकार का दावा है कि दस वर्षों में जरूरतमंदों की मदद के लिए एंबुलेंस के पहुंचने का समय 55 मिनट से घटकर महज 15 मिनट रह गया है। अब 194 करोड़ की लागत से नई एंबुलेंस खरीदी जाएंगी। इसमें एडवांस लाइफ सपोर्ट व बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस शामिल होंगी। इससे एंबुलेंस सेवा बेहतर होगी। दिल्ली में चार वित्त वर्षों में स्वास्थ्य के बजट (करोड़ रुपये में), दिल्ली के कुल बजट में स्वास्थ्य के बजट की हिस्सेदारी (प्रतिशत) के आंकड़ेवर्ष | बजट | प्रतिशत | परियोजनाओं का बजट | प्रतिशत |
2024-25 | 8,685 | 11 | 3423 | 9 |
2023-24 | 9,742 | 12 | 4830 | 11 |
2022-23 | 9,769 | 13 | 5567 | 13 |
2021-22 | 9,934 | 14 | 5192 | 14 |
स्वास्थ्य के बजट की कुछ अन्य प्रमुख तथ्य
- अस्पतालों के लिए बजट- 6215 करोड़
- मोहल्ला क्लीनिक के लिए बजट- 212 करोड़
- दिल्ली आरोग्य कोष के तहत निजी अस्पतालों में निशुल्क सर्जरी व निजी डायग्नोस्टिक लैब में जांच के लिए आवंटित राशि- 80 करोड़
- लोकनाकय अस्पताल का बजट- 719 करोड़
- जीबी पंत अस्पताल का बजट- 490 करोड़
- मौलाना आजाद मेडिकल कालेज (एमएमसी) का बजट- 350 करोड़
- जीटीबी अस्पताल का बजट- 497 करोड़
- डीडीयू अस्पताल- 352 करोड़
- बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल- 291 करोड़