Tablighi Jamaat: रमजान में नमाजियों के लिए खुला रहेगा निजामुद्दीन मरकज, हाई कोर्ट में केंद्र ने दी जानकारी
पीठ ने नमाजियों को अंदर जाने से पहले उनके टेंप्रेचर की जांच तथा मस्जिदों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि इस दौरान मरकज में काम करने वाले कर्मचारियों का पूरा विवरण कोर्ट में मरकज के प्रशासन को जमा कराना होगा।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Tue, 13 Apr 2021 08:26 AM (IST)
नई दिल्ली जागरण संवाददाता। रमजान में निजामुद्दीन मरकज में नजाम अदा करने वाले नमाजियों के लिए राहत की खबर है। वक्फ बोर्ड की याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को सूचित किया कि 14 अप्रैल से शुरू हो रहे रमजान में नमाजियों के लिए निजामुददीन मरकज खुुला रहेगा। केंद्र सरकार की तरफ पेश हुए अधिवक्ता रजत नायर ने न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की पीठ को बताया कि नमाजियों को शारीरिक दूरी-मास्क लगाने समेत कोरोना से संबंधित दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकार (डीडीएमए) के दिशा निर्देशों का पालन करना होगा।
उन्होंने यह भी बताया कि इस दौरान कार्यालय संचालित करने वाले प्रबंधक को अपना नाम संबंधित एसएचओ को देना होगा और इन्हीं लोगों को पूरे महीने तक वहां दिन में रहने की अनुमति होगी। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि एसएचओ द्वारा वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता वजीह शाफिक व सदस्य हीमल अख्तर की मौजूदगी में मरकज का निरीक्षण किया जाएगा।
पीठ ने नमाजियों को अंदर जाने से पहले उनके टेंप्रेचर की जांच तथा मस्जिदों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि इस दौरान मरकज में काम करने वाले कर्मचारियों का पूरा विवरण कोर्ट में मरकज के प्रशासन को जमा कराना होगा। कोर्ट ने कहा है कि वह निजामुद्दीन मरकज में प्रवेश करने वाले नमाजियों की संख्या को सीमित नहीं कर सकता है, क्योंकि बांंकी किसी धार्मिक स्थान पर ऐसे कोई नियम लागू नहीं है। कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार की इस मांग को खारिज कर दिया कि पुलिस की ओर से तय की गई दो सौ लोगों की लिस्ट में से एक बार में सिर्फ 20 लोगों को ही प्रवेश दिया जाए।
रोजों के बाद मरकज आगे भी खुलेगा या नहीं इसको लेकर कोर्ट फिर बाद में सुनवाई करेगा। इससे पहले शब-ए-बारात के दौरान भी एक दिन के लिए हाई कोर्ट ने पिछले महीने मरकज को खोलने के आदेश दिए थे। पिछले साल ही मरकज को उस वक्त सील कर दिया गया था, जब बड़ी संख्या में कोरोना केस के मामले तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों में पाए गए थे।
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