दिल्ली में यातायात की स्थिति बद से बदतर, HC ने ट्रैफिक पुलिस से पूछा- यातायत सुगम बनाने को क्या कदम उठाए?
हर दिन घंटों जाम से जूझते दिल्लीवासियों की जुबान पर एक ही सवाल होता है आखिर इस जाम से निजात कब मिलेगी? मानवरहित बैरिकडिंग के विरुद्ध दायर एक याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली यातायात पुलिस को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करके यह बताने को कहा कि दिल्ली में यातायात सुगम और सुविधाजनक बनाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Wed, 18 Oct 2023 01:09 AM (IST)
विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। हर दिन घंटों जाम से जूझते दिल्लीवासियों की जुबान पर एक ही सवाल होता है, आखिर इस जाम से निजात कब मिलेगी? आखिर कब वे सड़क जाम में बिना फंसे अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे। मानवरहित बैरिकडिंग के विरुद्ध दायर एक याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली यातायात पुलिस को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करके यह बताने को कहा कि दिल्ली में यातायात सुगम और सुविधाजनक बनाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने संयुक्त पुलिस आयुक्त यातायात के हस्ताक्षर के साथ तीन सप्ताह में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई छह नंवबर तक के लिए स्थगित कर दी। जनसेवा वेलफेयर सोसाइटी द्वारा दायर की गई अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष पेश हुए डीसीपी यातायात हरेंद्र सिंह और डीसीपी एसके सिंह ने कहा कि जहां भी अनिवार्य है कि वहां पर पुलिसकर्मी की तैनाती के साथ बैरीकेड लगाए गए हैं।
दिल्ली में यातायात की स्थिति बद से बदतर
इस दौरान एडिशनल सालिसिटर जनरल अनुज अग्रवाल ने कहा कि लाख कोशिशों के बावजूद भी दिल्ली में यातायात की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। इस पर अदालत ने इस पहलू पर दिल्ली पुलिस अपनी स्थिति रिपोर्ट पेश करे।अदालत में पेश होने से मिली छूट
साथ ही अगली सुनवाई पर डीसीपी हरेंद्र सिंह व डीसीपी एसके सिंह को अदालत में पेशी से छूट दे दी। इससे पहले अदालत ने बैरिकेडिंग को लेकर 12 मई 2022 के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर सवाल उठाया था और पुलिस आयुक्त को मामले पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
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याचिका में बिना पुलिसकर्मी की तैनाती के रास्तों पर बैरिकेडिंग करने पर सवाल उठाया गया है। याचिका में कहा गया कि इस तरह के बैरिकेड के कारण आए दिन लोग कई घंटे तक जाम में फंसे रहते हैं। इस संबंध में अदालत ने आदेश पारित किया था, लेकिन आदेशों का अनुपालन नहीं होने पर अवमानना याचिका दायर की थी।
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