सरोगेसी के लिए विवाहित होना क्यों जरूरी? दिल्ली HC ने केंद्र से पूछा- विधवा और तलाकशुदा कानून के दायरे से बाहर क्यों
Delhi High Court on Surrogacy Act हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि सरोगेसी कानून के तहत अकेली अविवाहित महिलाओं को सरोगेसी प्रक्रिया का लाभ उठाने से रोका गया है। कोर्ट ने इसको लेकर केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। सरोगेसी (विनियमन) कानून 2021 के तहत एक इच्छुक महिला का मतलब एक भारतीय महिला है जो विधवा या तलाकशुदा भी है।
पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि सरोगेसी कानून के तहत अकेली, अविवाहित महिलाओं को सरोगेसी प्रक्रिया का लाभ उठाने से रोका गया है। कोर्ट ने इसको लेकर केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। केंद्र की ओर से पेश वकील ने कहा कि वह इस सवाल पर निर्देश मांगेगी।
सरोगेसी (विनियमन) कानून, 2021 के तहत एक 'इच्छुक महिला' का मतलब एक भारतीय महिला है, जो 'विधवा' या 'तलाकशुदा' भी है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा ने एक महिला की वैवाहिक स्थिति को इस प्रक्रिया से गुजरने की पात्रता के साथ जोड़ने के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया।
पीठ ने कहा कि सरोगेसी के लिए सिर्फ विवाहित होना ही क्यों जरूरी है। विधवा और तलाकशुदा महिला का क्या कोई वैवाहिक जीवन नहीं होता है, फिर यह भेदभाव क्यों। इस दौरान न्यायमूर्ति संजीव नरूला भी मौजूद थे।