'हल्दीराम की उत्पत्ति भारत की पाक परंपरा में गहराई से निहित', दिल्ली HC ने कंपनी को घोषित किया प्रसिद्ध ट्रेडमार्क
दिल्ली हाई कोर्ट ने हल्दीराम को एक प्रसिद्ध ट्रेडमार्क घोषित किया है। अदालत ने कहा कि हल्दीराम को पश्चिम बंगाल सहित पूरे भारत में प्रसिद्ध ट्रेडमार्क के रूप में मान्यता देने का दावा वादी की सांस्कृतिक और वाणिज्यिक छाप का एक प्रमाण है। अदालत ने कहा कि इस तरह की गतिशीलता का उद्देश्य क्षेत्रीय विभाजनों के बावजूद उपभोक्ताओं के बीच सद्भावना की रक्षा करना है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने हल्दीराम को एक प्रसिद्ध ट्रेडमार्क घोषित किया है। अदालत ने कहा कि मिठाई, स्नैक्स और रेस्तरां वाली इस कंपनी की उत्पत्ति भारत की समृद्ध पाक परंपरा में गहराई से निहित है।
न्यायमूर्ति प्रथिबा एम सिंह ने कहा कि हल्दीराम ने न केवल राष्ट्रीय बाजार में उपस्थिति स्थापित की है, बल्कि भौगोलिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय सीमाओं को पार करते हुए विश्व स्तर पर भी अपना प्रभाव बढ़ाया है।
अदालत ने कहा कि स्थिति अजीब है क्योंकि भले ही हल्दीराम के पास पश्चिम बंगाल में हल्दीराम या हल्दीराम भुजियावाला ब्रांड के संबंध में कोई अधिकार नहीं है, फिर भी वह पूरे भारत में प्रसिद्ध होने का दावा करता है। जिसमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है।
अदालत ने कहा कि हल्दीराम को पश्चिम बंगाल सहित पूरे भारत में प्रसिद्ध ट्रेडमार्क के रूप में मान्यता देने का दावा, वादी की सांस्कृतिक और वाणिज्यिक छाप का एक प्रमाण है। अदालत ने कहा कि इस तरह की गतिशीलता का उद्देश्य क्षेत्रीय विभाजनों के बावजूद उपभोक्ताओं के बीच सद्भावना की रक्षा करना है।
याचिकाकर्ता ने की थी हल्दीराम चिन्ह की सुरक्षा की मांग
अदालत ने कहा कि हल्दीराम को पश्चिम बंगाल सहित पूरे भारत में प्रसिद्ध चिह्न के रूप में मान्यता देने का दावा वादी की सांस्कृतिक और वाणिज्यिक छाप का एक प्रमाण है। याचिकाकर्ता ने हल्दीराम चिन्ह की सुरक्षा की मांग की थी और यह आग्रह किया था कि इसके साथ उसके विभिन्न रूप हल्दीराम भुजियावाला को प्रसिद्ध घोषित किया जाए।अदालत ने प्रतिवादी को विवादित चिह्न हल्दीराम भुजियावाला या हल्दीराम या किसी अन्य चिह्न का उपयोग करने से स्थायी रूप से रोक दिया, जो भ्रामक रूप से हल्दीराम चिह्न के समान है। अदालत ने हल्दीराम को हर्जाने के रूप में 50 लाख रुपये और लागत के रूप में दो लाख रुपये देने का फैसला सुनाया।
मुकदमा हरियाणा स्थित इकाई, हल्दीराम रेस्ट्रो प्राइवेट लिमिटेड और उसके मालिकों के खिलाफ दायर किया गया था। जो घी, नमक, गेहूं का आटा, पैकेज्ड पानी और बासमती चावल जैसे उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हल्दीराम भुजियावाला चिन्ह का उपयोग कर रहे थे।
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