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फिल्म आंख मिचौली को लेकर दाखिल याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में खारिज, दिव्यांग व्यक्तियों का अपमान करने का लगा है आरोप

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने सोमवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें दावा किया गया था कि फिल्म आंख मिचौली दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारों का उल्लंघन करती है और विभिन्न विकलांगताओं से पीड़ित पात्रों को बेहद अपमानजनक और असंवेदनशील तरीके से चित्रित करती है। पीठ ने कहा कि सिनेमाई काम में बहुत अधिक छूट दी जाती है।

By Jagran News Edited By: Geetarjun Updated: Mon, 15 Jan 2024 03:47 PM (IST)
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फिल्म आंख मिचौली को लेकर दाखिल याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में खारिज, दिव्यांग व्यक्तियों का अपमान करने का लगा है आरोप

पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने सोमवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि फिल्म "आंख मिचौली" दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारों का उल्लंघन करती है और विभिन्न विकलांगताओं से पीड़ित पात्रों को "बेहद अपमानजनक और असंवेदनशील तरीके" से चित्रित करती है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा कि सिनेमाई काम में बहुत अधिक छूट दी जाती है। एक बार जब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) किसी फिल्म को प्रमाणपत्र दे देता है तो अदालतें आम तौर पर हस्तक्षेप नहीं करती हैं।

कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि हम बहुत अधिक सेंसरशिप नहीं चाहते हैं। हम उन कुछ देशों में से एक हैं जहां पहले से ही सेंसरशिप है। हम एक ऐसा देश हैं जहां फिल्म की रिलीज से पहले दृश्य हटा दिए जाते हैं।

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