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Delhi News: कालकाजी मंदिर हादसे की तेजी से जांच पूरी करे दिल्ली पुलिस, दिल्ली HC का निर्देश

पिछली सुनवाई पर महंत ने खुद एक हलफनामा दायर कहा था कि उन्होंने 27 सितंबर 2021 के आदेश के बाद कालकाजी मंदिर परिसर का नियंत्रण और प्रबंधन प्रशासक को सौंप दिया है। पुलिस ने कहा कि इस साल पुलिस द्वारा अनुमति नहीं दी गई क्योंकि आयोजक अग्निशमन विभाग से एनओसी और नगर निगम से संरचना स्थिरता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में विफल रहे।

By Vineet Tripathi Edited By: Shyamji Tiwari Updated: Mon, 18 Mar 2024 09:10 PM (IST)
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कालकाजी मंदिर हादसे की तेजी से जांच पूरी करे दिल्ली पुलिस
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जनवरी माह में कालकाजी मंदिर में हुए धार्मिक समारोह के आयोजन के दौरान मंच गिरने की घटना की तेजी से जांच करने का दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है। घटना में एक 45 वर्षीय महिला की मौत हो गई थी।

कार्यक्रम आयोजित करने की नहीं थी अनुमति

मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने कहा कि मंदिर का पूरा प्रबंधन और नियंत्रण हाई काेर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासक के अधीन है, लेकिन प्रशासक ने कार्यक्रम आयोजित करने की कोई अनुमति नहीं दी थी। ऐसे में पुलिस द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट से अदालत के मन में कोई संदेह नहीं रह गया है कि जागरण आयोजित करने की अनुमति मंदिर द्वारा दी गई थी।

अदालत ने यह भी नोट किया कि पिछली सुनवाई पर महंत ने खुद एक हलफनामा दायर कहा था कि उन्होंने 27 सितंबर 2021 के आदेश के बाद कालकाजी मंदिर परिसर का नियंत्रण और प्रबंधन प्रशासक को सौंप दिया है। अदालत ने मामले में पुलिस द्वारा पेश की गई स्थिति रिपोर्ट को देखकर नोट करते हुए कहा कि जागरण का आयोजन श्री कालकाजी सज्जा सेवादार मित्र मंडल द्वारा किया गया था और इसके अध्यक्ष/पदाधिकारी अनुज मित्तल और सतीश कुमार आयोजक थे।

रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें सुरेंद्र नाथ अवधूत ने अनुमति दी थी जो खुद को मंदिर का महंत बताता है। पुलिस ने रिपोर्ट में कहा कि जागरण 2009 से लगातार आयोजित किया जा रहा था और इस साल पुलिस द्वारा अनुमति नहीं दी गई, क्योंकि आयोजक अग्निशमन विभाग से एनओसी और नगर निगम से संरचना स्थिरता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में विफल रहे।

तेजी से जांच पूरा करने का निर्देश

पुलिस ने कहा कि घटना के संबंध में जांच अभी पूरी नहीं हुई है। स्थिति रिपोर्ट देखने के बाद अदालत ने कहा कि पुलिस अपनी जांच जारी रखे और तेजी से पूरा करे। चार सप्ताह में जांच पूरी कर आरोप पत्र दाखिल करने के कालकाजी पुलिस थाने के एसएचओ के आश्वासन को भी अदालत ने रिकॉर्ड पर लिया।

अदालत ने नोट किया कि उक्त घटना में 45 वर्षीय महिला की मौत के साथ ही 17 लोग घायल हो गए थे। इस कार्यक्रम में लगभग 1600 लोग शामिल हुए थे। मामले में कालकाजी पुलिस थाने में प्राथमिकी हुई थी।

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