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DUSU Election 2024: चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की मांग, HC ने कुलपति को दिया बड़ा आदेश

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को आगामी डूसू चुनावों में महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता शबाना हुसैन ने तर्क दिया कि छात्र संघ चुनाव पैसे और बाहुबल से प्रभावित होते हैं जिससे महिलाओं की भागीदारी कम हो जाती है। अदालत ने विश्वविद्यालय को लिंगदोह समिति की सिफारिशों का पालन करने का भी निर्देश दिया है।

By uday jagtap Edited By: Kapil Kumar Updated: Wed, 11 Sep 2024 11:12 PM (IST)
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चुनाव में महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग करने वाले एक प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने को कहा। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। DUSU Election 2024 दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से आगामी दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग करने वाले एक प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने को कहा है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा अक्टूबर 2023 में विश्वविद्यालय के अधिकारियों को दिए गए अभ्यावेदन पर कुलपति द्वारा कानून के अनुसार यथासंभव शीघ्र और अधिमानतः तीन सप्ताह के भीतर निर्णय लिया जाना चाहिए।

महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की मांग

अदालत ने डूसू चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की मांग करने वाली याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश दिया। याचिकाकर्ता शबाना हुसैन, जिनका प्रतिनिधित्व अधिवक्ता आशु बिधूड़ी ने किया, ने कहा कि छात्र संघ चुनाव पैसे और बाहुबल से काफी प्रभावित थे, जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं की भागीदारी न्यूनतम थी।

हुसैन ने कहा कि इन चिंताओं के आलोक में उन्होंने 27 सितंबर को होने वाले छात्र संघ चुनावों में आरक्षण के माध्यम से महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 17 सितंबर से शुरू होने वाली है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि छात्र चुनावों में लैंगिक समानता की आवश्यकता है और विश्वविद्यालय को लिंगदोह समिति की सिफारिशों का पालन करने का निर्देश देने की भी मांग की।

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