'मानसून में घर में सांप और मछलियां घुस आती हैं', दिल्ली HC ने जलजमाव को लेकर अधिकारियों को दी नसीहत
दिल्ली की जल निकासी व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जल निकासी व्यवस्था बिल्कुल दयनीय और बहुत खराब स्थिति में है। जलभराव का स्वत संज्ञान लेकर शुरू की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने अधिकारियों को मानसून का इंतजार करने के बजाए अभी से काम शुरू करना चाहिए।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली की जल निकासी व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जल निकासी व्यवस्था बिल्कुल दयनीय और बहुत खराब स्थिति में है।
जलभराव का स्वत: संज्ञान लेकर शुरू की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने अधिकारियों को मानसून का इंतजार करने के बजाए अभी से काम शुरू करना चाहिए। अदालत ने जल निकासी और जल जमाव को लेकर जिम्मेदार संस्थाओं को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
अदालत ने कहा कि विभिन्न एजेंसियों को किसी के द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। अदालत ने कहा कि सुधार का अधिकारियों को एहसास करना होगा क्योंकि अदालतें सब कुछ नहीं कर सकती हैं। मामले की सुनवाई 16 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी। सुनवाई के दौरान मुख्य पीठ ने भारत मंडपम के पास एक अंडरपास का जिक्र करते हुए कहा कि जल निकासी व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई थी।
HC ने सुनवाई के दौरान कुछ उदाहरण भी दिए
अदालत ने जलजमाव के कुछ उदाहरण देते हुए कहा कि हममें से कुछ लोग शिकायत कर रहे थे कि मानसून के दौरान हमारे ड्राइंग रूम में मछलियां आती हैं और एक बंगले में सांप भी आ गया था। कोर्ट ने कहा कि स्थिति यह है कि आईटीओ, दिल्ली चिड़ियाघर और हाईकोर्ट के पास सीवेज लाइनें टूटी हुई हैं और इससे नई दिल्ली क्षेत्र में अधिकारियों की संवेदनहीनता का पता चलता है। ऐसे में दिल्ली के अन्य हिस्सों की स्थिति की कल्पना नहीं की जा सकती है।
HC ने कहा- अधिकारी अभी से काम शुरू करें
उक्त टिप्पणी के साथ ही अदालत ने एजेंसियों को कहा कि अप्रैल या मानसून आने का इंतजार न करें और अभी से काम शुरू करें। अदालत ने कहा कि हर साल मानसून के दौरान दिल्लीवासियों को मध्य दिल्ली में मिंटो ब्रिज के पानी में डूबे होने और उसके नीचे फंसी बस की प्रसिद्ध तस्वीर देखने को मिलती है।
हाईकोर्ट ने कहा- हालात बहुत खराब हैं
अदालत ने कहा कि आपके सफाईकर्मी कूड़ा-कचरा नालियों में डाल देते हैं और फिर आप नालों की सफाई के लिए एक ठेकेदार को नियुक्त करते हैं। उन्हें क्या करना है इस पर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं हैं। हालात बहुत खराब हैं।