विवि में नाबालिग लड़कियों से बनाए संबंध, HC ने फरार आरोपी वीरेंद्र देव के बैंक खाते जब्त करने की दी अनुमति
रोहिणी स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के फरार संस्थापक वीरेंद्र देव दीक्षित के बैंक खातों को जब्त करने की दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) को अनुमति दे दी। मामले में सीबीआई द्वारा दाखिल की गई स्थिति रिपोर्ट को देखने के बाद मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने कहा एजेंसी को आगे कदम उठाने के लिए छह सप्ताह का समय दिया जाता है।
By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Wed, 13 Sep 2023 01:32 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। रोहिणी स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के फरार संस्थापक वीरेंद्र देव दीक्षित के बैंक खातों को जब्त करने की दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) को अनुमति दे दी। मामले में सीबीआई द्वारा दाखिल की गई स्थिति रिपोर्ट को देखने के बाद मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने कहा कि एजेंसी को आगे कदम उठाने के लिए छह सप्ताह का समय दिया जाता है।
अदालत ने कहा कि सीबीआई कानून के तहत आरोपित दीक्षित के बैंक खातों को फ्रीज करने के लिए स्वतंत्र होगी। पीठ ने कहा कि अदालत मामले में सीबीआई द्वारा किए गए प्रयासों और प्रगति से संतुष्ट है और एजेंसी से अपने प्रयास जारी रखने को कहा।अदालत ने उक्त आदेश गैर सरकारी संगठन फाउंडेशन फार सोशल एम्पावरमेंट द्वारा वर्ष 2017 में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। एनजीओ ने याचिका में आरोप लगाया था कि वीरेंद्र देव दीक्षित द्वारा संचालित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में कई नाबालिग लड़कियों और महिलाओं को अवैध रूप से बंधक बनाया गया था और उन्हें अपने माता-पिता से मिलने की अनुमति नहीं जा रही थी।
इससे पहले 31 मई को अदालत ने सीबीआई को दीक्षित को गिरफ्तार करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया था। एनजीओ ने अपनी याचिका में दावा किया था कि महिलाओं को कटीले तारों से घिरे हुए स्थान पर जानवरों जैसी स्थिति में रखा गया था।सीबीआई ने वीरेंद्र देव दीक्षित के संबंध में सूचना देने वाले को पांच लाख रुपये इनाम देने की भी घोषणा की है, लेकिन वह अभी भी सीबीआई की पकड़ से दूर है।
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