Delhi: पति से माता-पिता छुड़वाकर उस पर 'घर जमाई' बनने का दबाव डालना क्रूरता के समान- हाईकोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि एक पत्नी अपने पति से अपने माता-पिता को छोड़ने और घर जमाई बनने या उसके घर में रहने का आग्रह करना क्रूरता के समान है। इसके साथ ही न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की खंडपीठ ने विवाह करने वाले एक जोड़े का तलाक मंजूर कर लिया। दोनों ने 2001 में विवाह किया था।
By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Fri, 25 Aug 2023 09:49 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पति से माता-पिता छुड़वाकर उस पर 'घर जमाई' बनने का दबाव डालना क्रूरता के समान है। यह टिप्पणी करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने एक शादीशुदा जोड़े को तलाक की आधिकारिक मंजूरी दे दी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि एक पत्नी अपने पति से अपने माता-पिता को छोड़ने और घर जमाई बनने या उसके घर में रहने का आग्रह करना क्रूरता के समान है। इसके साथ ही न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की खंडपीठ ने विवाह करने वाले एक जोड़े का तलाक मंजूर कर लिया। दोनों ने 2001 में विवाह किया था। इसके एक साल बाद अलग रहना शुरू कर दिया था।
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