लालू यादव से जुड़ा घोटाले का मामला, रेलवे की नौकरी के बदले...; करीबी अमित कात्याल को HC ने शर्त पर दी जमानत
रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में लालू यादव के करीबी सहयोगी अमित कात्याल को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी लगातार जांच में शामिल हो रहा है और किसी भी स्तर पर पूछताछ से नहीं बच रहा है। ऐसे में उसे जमानत दी जा सकती है। पढ़िए आखिर अमित को किस शर्त पर जमानत दी गई है?
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। रेलवे में नौकरी Railway Job के बदले जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग Money Laundering मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव Lalu prasad Yadav के करीबी सहयोगी अमित कात्याल को दिल्ली हाई कोर्ट Delhi High Court ने नियमित जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने कहा कि आरोपित लगातार जांच में शामिल हो रहा है और किसी भी स्तर पर पूछताछ के लिए जारी समन से बचने की कोशिश नहीं की है।
अदालत ने क्या कहा...
अदालत ने कहा कि ऐसे में जबकि मामले से जुड़े सबूत दस्तावेज के रूप में हैं तो इससे छेड़छाड़ व प्रभावित करने की संभावना नहीं है, क्योंकि दस्तावेज एजेंसी द्वारा जब्त किए जा चुके हैं।
अदालत ने कहा कि उक्त तथ्यों को देखते हुए आरोपित के भागने की संभावना नहीं है। पीठ ने कहा कि आरोपित 10 नवंबर 2023 से न्यायिक हिरासत में है और मामले में ट्रायल को पूरा होने में लंबा समय लग सकता है। ऐसे में आरोपित को जेल में रखने से कोई उद्देश्य हल नहीं होगा।
इन तथ्यों को देखते हुए अदालत ने अमित कात्याल को 10 लाख रुपये के निजी मुचलके व इतनी ही राशि के दो जमानती पर जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है।
पासपोर्ट अदालत में जमा कराने का निर्देश दिया
पीठ ने निर्देश दिया कि मामले में सुनवाई पर कात्याल को ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश होना होगा और वह अपना पासपोर्ट अदालत में जमा कराएंगे। पीठ ने निर्देश दिया कि अमित कात्याल को हर साेमवार व बृहस्पतिवार को जांच के अधिकारी के समक्ष सुबह 10 से 11 बजे के बीच रिपोर्ट करना होगा।
अदालत ने कहा यह भी कहा कि आरोपित बगैर अदालत की पूर्व अनुमति के आराेपित देश छोड़कर बाहर नहीं जाएंगे। ईडी ने 11 नवंबर 2023 को अमित कात्याल को गिरफ्तार किया था।
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आरोप है कि कात्याल ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद की तरफ से कई नौकरी चाहने वालों से जमीन हासिल की थी। जमानत की मांग करते हुए अमित कात्याल ने कहा कि जांच एजेंसी घोटाले में शामिल होने के संबंध में उनके खिलाफ कोई दस्तावेज नहीं पेश कर सकी। वहीं, ईडी ने अमित कात्याल की याचिका का विरोध किया।
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