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PFI नेता ओएमए सलाम की अंतरिम जमानत याचिका खारिज; दिल्ली हाईकोर्ट का खटखटाया था दरवाजा

Delhi News दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को PFI नेता ओएमए सलाम की अंतरिम जमानत खारिज कर दी है। सलाम ने बेटी का निधन होने पर दो सप्ताह की रिहाई की मांग की थी। एनआईए ने 2022 में प्रतिबंधित संगठन पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई के दौरान पीएफआई के अध्यक्ष सलाम को गिरफ्तार किया था। पढ़िए यह पूरा मामला क्या है?

By Ritika Mishra Edited By: Kapil Kumar Updated: Fri, 30 Aug 2024 03:19 PM (IST)
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हाईकोर्ट ने नेता ओएमए सलाम को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई PFI) के नेता ओएमए सलाम को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और अमित शर्मा की पीठ ने सलाम की दो सप्ताह के लिए रिहाई की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अंतरिम जमानत देने का कोई मामला नहीं बनता है।

सलाम को 2022 में किया गया था गिरफ्तार 

सलाम ने इस आधार पर दो सप्ताह की अंतरिम जमानत मांगी थी कि उनकी बेटी का अप्रैल में निधन हो गया था और उनकी पत्नी अब अवसादग्रस्त अवस्था में हैं। उन्हें प्रतिबंधित संगठन और उसके सदस्यों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत दर्ज मामले में गिरफ्तार किया गया था। पीएफआई के अध्यक्ष सलाम को एनआईए ने वर्ष 2022 में प्रतिबंधित संगठन पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया था।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अनुसार, पीएफआई, इसके पदाधिकारी और सदस्यों ने देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने के लिए आपराधिक साजिश रची और इस उद्देश्य के लिए अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के लिए शिविर आयोजित कर रहे थे।

देशभर में एक साथ की गई थी छापेमारी

देशव्यापी प्रतिबंध से पहले, एनआईए की अगुवाई में एक बहु-एजेंसी आपरेशन के तहत देशभर में लगभग एक साथ छापेमारी में, देश में आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में 11 राज्यों में बड़ी संख्या में पीएफआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया या गिरफ्तार किया गया।

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केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, असम, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, दिल्ली और राजस्थान सहित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में गिरफ्तारियां की गई। सरकार ने 28 सितंबर, 2022 को कड़े आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत पीएफआई और उसके कई सहयोगी संगठनों पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया, उन पर आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया।

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