एनएससीएन-आइएन नेता जमीर की जमानत याचिका पर NIA को नोटिस जारी, दिल्ली HC में एक अगस्त को होगी अगली सुनवाई
ट्रायल कोर्ट ने आदेश में कहा था कि ऐसे सबूत भी हैं जो समानांतर सरकार चलाने को दर्शाते हैं जिसे किसी भी शांति समझौते के तहत कभी स्वीकार नहीं किया गया। कोर्ट ने पाया था कि जमीर और एक अन्य आरोपित सासासोंग एओ द्वारा फुंगथिंग शिमरांग के कहने पर एनएससीएन (आईएम) की आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल करने के लिए एक बड़ी राशि के हस्तांतरण के सबूत हैं।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Thu, 06 Jul 2023 07:35 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल आफ नागालैंड-इसाक मुइवा (एनएससीएन-आइएन) गुट की महिला नेता अलेमला जमीर की याचिका पर एनआइए को नोटिस जारी किया है। जमीर ने कोर्ट में नियमित जमानत की मांग वाली याचिका दायर की है।
जमीर ने निचली अदालत के आदेश को दी है चुनौती
निचली अदालत ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इस मामले में एक अगस्त को अगली सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति गौरांग कांत की खंडपीठ ने एनआइए को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। जमीर ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी।
विशेष एनआइए कोर्ट ने 12 दिसंबर 2022 को जमानत खारिज की थी। ट्रायल कोर्ट ने आदेश में कहा था कि ऐसे सबूत भी हैं जो समानांतर सरकार चलाने को दर्शाते हैं, जिसे किसी भी शांति समझौते के तहत कभी स्वीकार नहीं किया गया। कोर्ट ने पाया था कि जमीर और एक अन्य आरोपित सासासोंग एओ द्वारा फुंगथिंग शिमरांग के कहने पर एनएससीएन (आईएम) की आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल करने के लिए एक बड़ी राशि के हस्तांतरण के सबूत हैं।
फुंगथिंग अभी भी चीन में फरार है। आरोपित को 17 दिसंबर, 2019 को 72 लाख रुपये के साथ आइजीआइ हवाई अड्डे से हिरासत में लिया गया था। पैसे का स्रोत नहीं बताने पर उसे एजेंसी ने भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धाराओं के तहत कथित आतंकी फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था।
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