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नाबालिग के होंठ चूमने का मामला: दलाई लामा पर पॉक्सो के तहत कार्रवाई की मांग, दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा

तिब्बती धर्म गुरू दलाई लामा का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वो एक नाबालिग बच्चे के होठों को चूमने दिख रहे थे। इस वीडियो पर काफी विवाद हुआ था। दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई मामले में उन पर पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा चालने के मांग की गई थी। हालांकि हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।

By Ritika Mishra Edited By: Geetarjun Updated: Tue, 09 Jul 2024 04:53 PM (IST)
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दलाई लामा के खिलाफ पॉक्सो के तहत कार्रवाई की मांग वाली जनहित याचिका खारिज।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दलाई लामा के खिलाफ एक सात वर्षीय लड़के से छेड़छाड़ करने के आरोप को लेकर दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जनहित याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता और यह घटना पूर्व नियोजित नहीं थी।

अदालत ने कहा घटना पूरी तरह से सार्वजनिक रूप से हुई है। इसमें ये पाया कि नाबालिग बच्चे ने ही दलाई लामा से मिलने और गले लगाने की इच्छा और इरादा व्यक्त किया था। अदालत ने कहा कि प्रतिवादी बच्चे को हंसाने की कोशिश कर रहा था और इसे तिब्बती संस्कृति के संदर्भ में देखा जाना चाहिए।

दलाई लामा पहले ही माफी मांग चुके हैं- कोर्ट

इस तथ्य को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि वह एक धार्मिक संप्रदाय का प्रमुख है। पीठ ने कहा कि दलाई लामा ने उन लोगों से पहले ही माफी मांग ली है, जिन्हें ठेस पहुंची है। अदालत ने कहा कि सरकार इस मुद्दे की जांच करेगी और इस मामले में सार्वजनिक हित की कोई बात नहीं है।

दलाई लामा ने लड़के के होठों को चूमा

वीडियो में, दलाई लामा लड़के के होठों को चूमते और हुए दिखाई दे रहे थे। याचिकाकर्ता ने अदालत से यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पाक्सो) अधिनियम के तहत घटना का संज्ञान लेने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया था और यह भी मांग की थी समाचार पोर्टलों से बच्चे की पहचान वापस ले ली जाए।

पवित्रता को संदेह के घेरे में लाने की कोशिश

याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि वह पवित्रता को संदेह के घेरे में लाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं, लेकिन अधिकारियों को घटना का संज्ञान लेने के बाद बयान जारी करना चाहिए था। अधिवक्ता ने तर्क दिया गया कि अगर कार्रवाई नहीं की गई, तो नाबालिगों को होठों पर चूमना सामान्य बात हो जाएगी। याचिकाकर्ता ने सभी धार्मिक स्थलों, आश्रमों का आडिट करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया था।

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