Move to Jagran APP

Delhi High Court के न्यायमूर्ति योगेश खन्ना हुए सेवानिवृत्त, निर्भया सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों को सुनाई थी सजा

2013 में निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में चार दोषियों को मौत की सजा सुनाने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति योगेश खन्ना शनिवार को सेवानिवृत्त हो गए। न्यायमूर्ति खन्ना 8 नवंबर 2016 को उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश बने थे। उन्होंने कहा था कि दोषियों के अमानवीय और भयानक कृत्यों ने देश की सामूहिक चेतना को झकझोर दिया है और वे अनुकरणीय सजा के हकदार हैं।

By uday jagtap Edited By: Sonu SumanUpdated: Sat, 30 Dec 2023 09:49 PM (IST)
Hero Image
Delhi High Court के न्यायमूर्ति योगेश खन्ना हुए सेवानिवृत्त।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। 2013 में निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में चार दोषियों को मौत की सजा सुनाने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति योगेश खन्ना शनिवार को सेवानिवृत्त हो गए। न्यायमूर्ति खन्ना 8 नवंबर, 2016 को उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश बने थे। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के रूप में उन्होंने 13 सितंबर, 2013 को क्रूर सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में चार दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी, यह कहते हुए कि 23 वर्षीय महिला के खिलाफ किया गया अपराध दुर्लभतम श्रेणी में आता है, जानवर जैसा रोंगटे खड़े करने वाले वाला कृत्य है।

उन्होंने कहा था कि दोषियों के अमानवीय और भयानक कृत्यों ने देश की सामूहिक चेतना को झकझोर दिया है और वे अनुकरणीय सजा के हकदार हैं। अंततः 20 मार्च, 2020 को मौत की सजा पर अमल किया गया। 16 दिसंबर 2012 की रात को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में पैरामेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उसके साथ इतनी क्रूरता की गई कि उसने 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया। हाई कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान, न्यायमूर्ति खन्ना ने कई महत्वपूर्ण आदेश और निर्णय पारित किए।

ये भी पढ़ें- पहलवान विनेश फोगाट ने अर्जुन और खेल रत्न पुरस्कार लौटाया, कर्तव्य पथ पर रखे; बाद में दिल्ली पुलिस ने उठाया

बीटी कपास की खेती के प्रस्ताव को किया खारिज

2018 में, तत्कालीन हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के हिस्से के रूप में, न्यायमूर्ति खन्ना ने भारत में अपने बीटी कपास के बीज के पेटेंट को लागू करने के लिए अमेरिका स्थित कृषि उद्योग की प्रमुख मोनसेंटो टेक्नोलॉजी की याचिका को खारिज कर दिया था। 31 दिसंबर 1961 को जन्मे जस्टिस खन्ना ने एलएलबी की पढ़ाई 1986 में दिल्ली से पूरी की। 2000 में, वह दिल्ली उच्च न्यायिक सेवाओं में शामिल हो गए और अंततः हाई कोर्ट में पदोन्नत होने से पहले, उत्तर-पश्चिम जिले, रोहिणी कोर्ट, दिल्ली के जिला न्यायाधीश बन गए।

ये भी पढ़ें- Delhi Pollution: इस महीने प्रदूषण ने बनाया रिकॉर्ड, 9 सालों में तीसरी बार दिल्लीवासियों ने हर दिन जहरीली हवा में ली सांस

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।