Move to Jagran APP

ग्राहकों को परेशान करते हैं बैंक के ई-मेल, बैंक अधिकारियों की तय होनी चाहिए कुछ जवाबदेही- दिल्ली HC

अदालती आदेश का उल्लंघन करने पर सिटी बैंक के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों की भी कुछ जवाबदेही तय होनी चाहिए। बिना संपर्क विवरण का उल्लेख किए बैंक द्वारा जारी किए ईमेल पर कोर्ट ने चिंता व्यक्त की।

By Vineet TripathiEdited By: GeetarjunUpdated: Mon, 27 Feb 2023 12:21 AM (IST)
Hero Image
ग्राहकों को परेशान करते हैं बैंक के ई-मेल, बैंक अधिकारियों की तय होनी चाहिए कुछ जवाबदेही- दिल्ली HC
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अदालती आदेश का उल्लंघन करने पर सिटी बैंक के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों की भी कुछ जवाबदेही तय होनी चाहिए। बिना संपर्क विवरण का उल्लेख किए बैंक द्वारा जारी किए गए कंप्यूटर जनित ई-मेल पर न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे मुद्दे ग्राहकों को परेशान करते हैं।ऐसे में अदालत की राय है कि इस पर कुछ जवाबदेही होनी चाहिए।

अदालत ने 11 अप्रैल को अगली सुनवाई पर मामले को देखने वाले अधिकारी को पेश होने का अदालत ने निर्देश दिया। साथ ही अदालत ने बैंक को नोटिस जारी कर पूछा कि क्या ग्राहकों को भेजे गए ई-मेल में उनके अधिकारियों के नाम, उनकी ई-मेल आइडी दिया जाता है।

अदालत ने कहा कि यह भी बताया जाए कि सिटी बैंक में हेल्पलाइनों के प्रबंधन के तरीका क्या है और ग्राहकों से बकाया शुल्क या राशि एकत्र करने के लिए संग्रह एजेंटों की नियुक्ति कैसे होती है। अदालत ने इन पहलुओं पर रिजर्व बैंक आफ इंडिया को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को भी कहा।

वहीं, सिटी बैंक ने तर्क दिया कि बैंक का न्यायिक आदेशों का उल्लंघन करने का कोई इरादा नहीं है और वह बिना शर्त माफी मांगने को तैयार है। यह भी कहा कि बैंक याचिकाकर्ता पर लगाए गए सभी शुल्कों को वापस लेने को भी तैयार है।

यह है मामला

पूरा मामला उपभोक्ता सरवर रजा से जुड़ा है। उनका कहना है कि बैंक ने बिना किसी लेनदेन किए पहले तो 76,777 उनके क्रेडिट कार्ड से डेबिट कर लिया।उक्त धनराशि की मांग करते हुए उन्होंने याचिका दायर की थी।इस पर अदालत ने पांच दिसंबर 2022 को नोटिस जारी करते हुए सरवर के खिलाफ आगे कोई कठोर कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया था।

अदालत के आदेश के बावजूद भी दो जनवरी को बैंक ने भुगतान व ब्याज शुल्क में देरी बताते हुए 1,00,972 रुपये की कुल बकाया राशि को दर्शाते हुए एक डिमांड नोटिस भेज दिया। बाद में 13 जनवरी को एक ईमेल भी भेजकर कहा कि बिल का भुगतान नहीं करने पर क्रेडिट कार्ड बंद कर दिया जाएगा।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।