Delhi: दुर्लभ बीमारी से ग्रस्त बच्चों के इलाज के लिए केंद्र एम्स को पांच करोड़ रुपये जारी करे- हाई कोर्ट
Delhi High Court दुर्लभ बीमारियों से ग्रस्त बच्चों के उपचार के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह एम्स को पांच करोड़ रुपये जारी करे। न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने राशि मुहैया कराने के लिए केंद्र को दो सप्ताह का समय दिया है।
By Ashish GuptaEdited By: GeetarjunUpdated: Sat, 18 Feb 2023 11:06 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दुर्लभ बीमारियों से ग्रस्त बच्चों के उपचार के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह एम्स को पांच करोड़ रुपये जारी करे। न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने राशि मुहैया कराने के लिए केंद्र को दो सप्ताह का समय दिया है। साथ ही निर्देश दिया कि खर्च एम्स द्वारा दुर्लभ रोग समिति के प्रमुख डाक्टर की सीधी निगरानी में किया जाएगा।
पीठ डचेन मस्कुलर डिस्ट्राफी (डीएमडी), हंटर सिंड्रोम जैसी दुर्लभ बीमारियों से ग्रस्त बच्चों से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाओं में कहा कि दुर्लभ बीमारियों का उपचार काफी महंगा। उसमें इन बच्चों के लिए निश्शुल्क उपचार की मांग की गई। यह भी बताया गया कि एम्स इन बीमारियों के उपचार के लिए सेंटर आफ एक्सीलेंस है।
कुछ याचिकाओं के जरिये बात सामने आई कि फंड की कमी के चलते यहां पर उपचार प्रभावित रहा है।पीठ ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव को डीएमडी सहित दुर्लभ बीमारियों के उपचार की जांच के लिए किए जाने वाले नैदानिक परीक्षणों के संबंध में निर्णय लेने के लिए कहा।
केंद्र सरकार को यह निर्देश दिया कि वह दुर्लभ रोग कोष से उत्कृष्टता के लिए विभिन्न केंद्रों को जारी की गई धनराशि और उन रोगियों की संख्या की पूरी जानकारी देते हुए हलफनामा दाखिल करे, जिनके लिए आज तक इलाज को मंजूरी दी गई।
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