मुखर्जी नगर में आग की घटना पर दिल्ली HC सख्त, कहा- बिना फायर NOC के चल रहे कोचिंग सेंटरों को बंद करें
दिल्ली के मुखर्जी नगर में कोचिंग सेंटर में लगी आग की घटना के बाद हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए बड़ा आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने दिया कि मुखर्जी नगर में बगैर अग्निशमन एनओसी के चल रहे कोचिंग सेंटर बंद करें। साथ ही हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार दिल्ली पुलिस समेत सभी पक्षकारों को कार्रवाई कर 10 अक्टूबर तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अग्निशमन विभाग के अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के बगैर दिल्ली में संचालित हो रहे कोचिंग सेंटराें को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए ऐसे सभी सेंटराें को बंद करने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा व न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी की पीठ ने कहा कि अग्नि सुरक्षा बहुत जरूरी है और सभी कोचिंग सेंटर दिल्ली मास्टर प्लान 2021 और अन्य लागू नियमों के तहत अपनी वैधानिक आवश्यकताओं का पालन करने के लिए बाध्य हैं।
30 दिन में कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश
अदालत ने स्पष्ट आदेश दिया कि बिना एनओसी संचालित हो रहे कोचिंग सेंटर समेत अन्य संस्थानों पर 30 दिनाें के अंदर कार्रवाई कर स्थिति रिपोर्ट पेश करें। अदालत ने यह भी कहा कि अगर कोचिंग सेंटर के अलावा अन्य संरचनाएं भी नियमों का अनुपालन नहीं कर रही हैं, तो एमसीडी कार्रवाई करे। मामले में अगली सुनवाई दस अक्टूबर को होगी। अदालत ने उक्त आदेश मुखर्जी नगर में 15 जून को कोचिंग सेंटर में आग लगने की घटना का स्वत: संज्ञान लेकर शुरू की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
केवल 67 संस्थानों के पास फायर एनओसी
वहीं, मामले में एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल कर दिल्ली पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि राष्ट्रीय राजधानी में चल रहे 583 कोचिंग संस्थानों में से केवल 67 संस्थानों के पास दिल्ली अग्निशमन सेवा से प्रमाण पत्र है। जबकि, 516 संस्थानों के पास ऐसा कोई प्रमाण पत्र नहीं है। उक्त आंकड़ों को देखकर अदालत ने कहा कि यदि कोई कोचिंग सेंटर मास्टर प्लान प्रविधानों के अनुरूप नहीं है, तो इन्हें बंद करने के सिवाय कोई अन्य विकल्प नहीं है।
अदालत ने साथ ही कहा कि उक्त आदेश पर 30 दिन के अंदर अनुपालन किया जाए और इस कार्रवाई में पुलिस, अग्निशमन सेवा विभाग और अन्य अधिकारी एमसीडी को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कराएं। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि स्थिति रिपोर्ट से पता चला है कि 95 प्रतिशत से अधिक कोचिंग सेंटरों के पास वैधानिक आवश्यकता होने के बावजूद विभाग से अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र नहीं था।
वहीं, दिल्ली अग्निशमन विभाग ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा कि उसने 461 कोचिंग सेंटरों का सर्वेक्षण किया और इसमें पाया कि इसके नियमों के अनुसार अपेक्षित अग्नि निवारक और अग्नि सुरक्षा उपायों को नहीं अपनाया गया है। इस पर अदालत ने स्थायी अधिवक्ता संतोष कुमार त्रिपाठी से इस मामले में कार्रवाई करने को कहा, तो उन्होंने जवाब दिया कि अग्निशमन विभाग के पास ऐसा करने की शक्ति नहीं है और कार्रवाई एमसीडी को करनी होगी। वहीं, एमसीडी के वकील ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की गई है और यहां तक कि सीलिंग के आदेश भी जारी किए गए हैं। समाप्त विनीत 25 जुलाई