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Terror Funding Case: आतंकी फंडिंग मामले में मसासोसांग एओ को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने निचली अदालत के निर्णय को बरकरार रखते हुए कहा कि नागा विद्रोही समूह नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल आफ नागालैंड-इसाक मुइवा (NSCN-IM) के सदस्य मसासोसांग एओ (Masasosang AO) पर लगाए गए आरोप गंभीर हैं। एनएससीएन (आईएम) के लिए आतंकी फंड जुटाने और इकट्ठा करने के लिए सभी आरोपियों के बीच एक आपराधिक साजिश रची गई थी।

By Vineet Tripathi Edited By: Jagran News NetworkUpdated: Tue, 21 May 2024 07:54 PM (IST)
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दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रखा बरकरार
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। टेरर फंडिंग मामले (Terror Funding Case) में नागा विद्रोही समूह नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल आफ नागालैंड-इसाक मुइवा (NSCN-IM) के सदस्य मासासोसांग एओ (Masasosang Ao) को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने जमानत देने से इनकार कर दिया है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत के निर्णय को बरकरार रखते हुए कहा कि आरोपी पर लगाए गए आरोप गंभीर हैं। अभियोजन पक्ष के अनुसार एनएससीएन (आईएम) के लिए आतंकी फंड जुटाने और इकट्ठा करने के लिए सभी आरोपियों के बीच एक आपराधिक साजिश रची गई थी।

अलेमला जमीर की निशानदेही पर किया गया था गिरफ्तार

NSCN-IM नेता अलेमला जमीर (Alemala Zameer) को बड़ी मात्रा में नगदी ले जाने के आरोप में 17 दिसम्बर 2019 को हिरासत में लिया गया था। अलेमला जमीर की निशानदेही पर मसासोसांग एओ को गिरफ्तार किया गया था।

आरोपी ने धन छिपाने के लिए खोले थे बैंक खाते

आतंकी फंडिंग से मिले पैसे को छिपाने और अन्यत्र स्थानांतरित करने के लिए बैंक खाते खोले थे। अदालत ने कहा कि सरकारी कर्मचारी होने के नाते अपीलकर्ता को ऐसे की खातों में होने वाले वित्तीय लेनदेन गंभीरता के प्रति सचेत रहना चाहिए था।

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