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Delhi News: बेटे के जांच में शामिल नहीं होने पर दिल्ली HC ने माता-पिता को जमानत देने से किया इन्कार

Delhi News दिल्ली हाई कोर्ट ने वैवाहिक विवाद के मामले में पति के शामिल नहीं होने और पत्नी को भरण-पोषण से संबंधित आदेश का अनुपालन नहीं करने के आधार पर उसके माता-पिता को राहत देने से इन्कार कर दिया है।

By Vineet TripathiEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Thu, 03 Nov 2022 01:01 PM (IST)
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बेटे के जांच में शामिल नहीं होने पर माता-पिता को जमानत देने से इन्कार
नई दिल्ली,जागरण संवाददाता। वैवाहिक विवाद के मामले में बेटे द्वारा जांच में शामिल नहीं होने और भरण-पोषण से संबंधित पारिवारिक अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं करने के आधार पर दिल्ली हाई कोर्ट ने युवक के माता-पिता को राहत देने से इन्कार कर दिया है। न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता की पीठ ने कहा कि न ही शिकायतकर्ता का पति आज तक जांच में शामिल हुआ है और न ही वह किसी भी तरह से शिकायतकर्ता का सहयोग कर रहा है। भरण-पोषण के संबंध में पारिवारिक न्यायालय के आदेशों के बावजूद भी भुगतान नहीं किया गया।

थाईलैंड में रहता है पति

अदालत ने कहा कि आवेदनकर्ता भी अदालत के निर्देश के बावजूद जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। ऐसे में तथ्यों व परिस्थितियों को देखते हुए इस स्तर पर याचिकाकर्ताओं को राहत देने का कोई आधार नहीं है। अभियोजन पक्ष ने भी जमानत याचिका का विरोध करते हुए अदालत को सूचित किया कि थाईलैंड में काम कर रहे शिकायतकर्ता का पति जांच से भाग रहा है। इतना ही नहीं शिकायतकर्ता के पति के जांच में नहीं शामिल होने के बावजूद भी बच्चे की कस्टडी ससुराल वालों की तरफ से मांगी गई है।

बहू पर विवाहेत्तर संबंध का आरोप

इसके अलावा 16 सितंबर 2022 को निचली अदालत ने जांच में शामिल नहीं होने के आधार पर याचिकाकर्ताओं की अग्रिम जमानत याचिका रद कर दी थी। गुरुग्राम निवासी याचिकाकर्ताओं ने दलील दी है कि उनकी बहू का उसके आफिस में काम करने वाले व्यक्ति उसके अधिकारी के साथ विवाहेत्तर संबंध हैं और यही विवाद का कारण है।

पत्नी ने आरोपों का बताया गलत

इधर, पुल प्रहलादपुर निवासी शिकायतकर्ता की अधिवक्ता जूही अरोड़ा का आरोप है कि उनके मुवक्किल का पति जांच में शामिल होने के लिए कई साल से थाईलैंड से वापस नहीं आ रहा है और न ही महिला को भरण-पोषण देने समेत अन्य तरीके से सहयोग कर रहा है।उन्होंने युवती पर ससुरालियों की तरफ से लगाए गए विवाहेत्तर संबंध के आरोपों को भी बेबुनियाद बताया है।

पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिकाकर्ताओं को गिरफ्तारी पर सुरक्षा देने से इन्कार करते हुए दिल्ली पुलिस को स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 24 जनवरी को होगी।

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