महिला ने पति से मांगा गुजारा-भत्ता, दिल्ली HC ने किया इनकार; कहा- खुद कमाती हो...
दिल्ली हाईकोर्ट ने महिला के पक्ष में भरण-पोषण देने का आदेश पारित करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वह खुद कमा रही है। अदालत ने कहा कि महिला योग्य होने के साथ-साथ नौकरी भी कर रही है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि क्षमता और वास्तविक कमाई के बीच अंतर है
By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Tue, 12 Sep 2023 10:35 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली हाईकोर्ट ने महिला के पक्ष में भरण-पोषण देने का आदेश पारित करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वह खुद कमा रही है। अदालत ने कहा कि महिला योग्य होने के साथ-साथ नौकरी भी कर रही है।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि ''क्षमता'' और ''वास्तविक कमाई'' के बीच अंतर है, लेकिन रिकॉर्ड पर मौजूद दस्तावेजों से स्पष्ट है कि वह नौकरी भी कर रही है।
पारिवारिक अदालत ने याचिका कर दी थी अस्वीकार
इसके साथ ही अदालत ने पारिवारिक अदालत के निर्णय को चुनौती देने वाली महिला की याचिका खारिज कर दी। पारिवारिक अदालत ने अलग हो चुके पति से भरण-पोषण की मांग करने वाली उसकी याचिका को अस्वीकार कर दिया था।ये भी पढ़ें- HC ने दिल्ली-UP पुलिस को चेताया, बिना मजबूत तथ्य के ना दायर करें याचिका; कोर्ट का समय-पैसा होता है बर्बाद
35 हजार प्रति महीना मांगा था भरण-पोषण
महिला ने 55 हजार रुपये के मुकदमेबाजी खर्च के अलावा 35 हजार रुपये प्रति माह के अंतरिम रखरखाव की मांग की थी। हालांकि, अदालत ने कहा कि महिला अपनी शादी के समय एम.फिल थी और वह नौकरी भी कर रही है, जबकि पुरुष एक साधारण स्नातक है।ये भी पढ़ें- लड़की की उम्र का पता लगाने के लिए आधार कार्ड पर दिल्ली HC ने किया भरोसा, यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी बरी
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