'पत्नी है ट्रांसजेंडर', मेडिकल जांच के लिए पति ने दिल्ली हाईकोर्ट में डाली याचिका
Delhi High Court News पति ने दावा किया कि उसकी पत्नी ट्रांसजेंडर है। शादी के समय इसकी जानकारी छिपाई गई। इस वजह उसे मानसिक आघात पहुंचा है। पति ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और याचिका दायर कर पत्नी की मेडिकल जांच की मांग की। इसे दिल्ली हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया है। कोर्ट ने कहा कि मामला विशुद्ध रूप से वैवाहिक विवाद का है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अलग रह रही पत्नी ट्रांसजेंडर है या नहीं, यह पता लगाने के लिए उसकी चिकित्सकीय जांच कराने की मांग को लेकर एक पति द्वारा दायर याचिका पर विचार करने से दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने बुधवार को इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने टिप्पणी की कि मामला विशुद्ध रूप से वैवाहिक विवाद का है और याचिकाकर्ता पति द्वारा मांगी जा रही राहत के व्यापक प्रभाव हैं। याचिकाकर्ता को उचित कानून उपाय खोजने के लिए कहते हुए अदालत ने कहा कि कोई भी रिट याचिका किसी निजी व्यक्ति के खिलाफ नहीं हो सकती।
शादी के पहले छुपाई ट्रांसजेडर होने की बात
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी एक ट्रांसजेंडर है और यह तथ्य शादी के समय धोखे से छुपाया गया था। इसके कारण उन्हें मानसिक आघात पहुंच रहा है। याची पति ने दावा किया कि उसे अपनी ट्रांसजेंडर" पत्नी से शादी करने के लिए धोखा दिया गया था और यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत वैध वैवाहिक संबंध के उसके अधिकार का उल्लंघन किया।पति के खिलाफ दर्ज कराए कई मुकदमे
याचिका में कहा गया है कि पत्नी ने उसके खिलाफ भरण-पोषण, घरेलू हिंसा और दहेज के आरोपों के लिए कई मामले दर्ज किए हैं, लेकिन वे चलने योग्य नहीं हैं, क्योंकि वह महिला के बजाय एक ट्रांसजेंडर है।
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