CM के सामने व्यक्ति सुरक्षित नहीं तो अन्य जगहों पर क्या होगा: हाई कोर्ट
अदालत ने कहा कि एक ऐसा स्थान जहां मुख्यमंत्री बैठे हों और वहां एक व्यक्ति पर हमला किया गया। आखिर कानून-व्यवस्था का क्या हाल है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर हमले के आरोप में गिरफ्तार किए गए आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक प्रकाश जारवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर तल्ख टिप्पणी की है। अदालत ने राजधानी की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी के दौरान एक व्यक्ति पर हमला हो सकता है तो फिर अन्य स्थानों का क्या होगा।
जमानत पर फैसला सुरक्षित
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने कहा कि मैं कैसे संतुष्ट हो जाऊं कि उक्त घटना भविष्य में नहीं होगी। कोर्ट ने प्रकाश जारवाल की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। वहीं 'आप' विधायक अमानतुल्लाह खान की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जमानत याचिका पर 12 मार्च को सुनवाई होगी।
सब मुख्यमंत्री के सामने हो रहा है
अदालत ने कहा कि एक ऐसा स्थान जहां मुख्यमंत्री बैठे हों और वहां एक व्यक्ति पर हमला किया गया। आखिर कानून-व्यवस्था का क्या हाल है। यह सब मुख्यमंत्री के सामने हो रहा है। अदालत व्यक्ति के व्यक्तित्व पर नहीं जा रही है, लेकिन किस पर हमला किया गया इसका जवाब देने की जरूरत है।
अधिकारी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं
कोर्ट ने मुख्य सचिव को विधानसभा समिति द्वारा नोटिस जारी किए जाने के मामले में भी खिंचाई की। अदालत ने कहा कि मुख्य सचिव को सिर्फ इसलिए नोटिस भेजकर प्रताड़ित नहीं किया जा सकता है कि उन्होंने बैठक के दौरान दो विधायकों द्वारा हमला किए जाने का आरोप लगाते हुए शिकायत की है। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि राज्य व उसके अधिकारी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और एक-दूसरे द्वारा धमकाए जा रहे हैं।
न्यायिक हिरासत में 'आप' विधायक
गौरतलब है कि 19 फरवरी की रात मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हुई बैठक के दौरान मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर हुए हमले के मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। मामले में 'आप' विधायक अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल को गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने दोनों विधायकों को 22 फरवरी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
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