'ED को अगर 365 दिन की जांच में कुछ नहीं मिला तो जब्त संपत्ति करनी होगी वापस', दिल्ली HC का फैसला
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि 365 दिन से अधिक की जांच होने पर ईडी को जब्त संपत्ति को वापस कर देनी चाहिए। दिल्ली हाईकोर्ट ने माना है कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 365 दिनों से अधिक की जांच होने और कोई अभियोजन शिकायत नहीं आने पर जब्त की गई संपत्ति ईडी द्वारा संबंधित व्यक्ति को वापस कर देनी चाहिए।
विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने माना है कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 365 दिनों से अधिक की जांच होने और कोई अभियोजन शिकायत नहीं आने पर जब्त की गई संपत्ति ईडी द्वारा संबंधित व्यक्ति को वापस कर देनी चाहिए।
याचिकाकर्ता महेंद्र कुमार खंडेलवाल की याचिका का निपटारा करते हुए अदालत ने कहा कि पीएमएलए की धारा-आठ(तीन) के तहत पीएमएलए के किसी भी अपराध से संबंधित कार्यवाही केवल उस शिकायत से संबंधित है जो पीएमएलए अदालत के समक्ष लंबित है।
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खंडेलवाल की याचिका पर अदालत की टिप्पणी
अदालत ने कहा कि यह भी याद रखना चाहिए कि संपत्तियों और अभिलेखों की कुर्की, जब्ती और फ्रीजिंग की शक्ति एक कठोर प्रावधान है। अदालत ने उक्त निर्णय व टिप्पणी भूषण पावर एंड स्टील के पूर्व इन्साल्वेंसी रिजाल्यूशन प्रोफेशनल (आइआरपी) महेंद्र कुमार खंडेलवाल की याचिका पर की।
अदालत ने दस्तावेज वापस करने को कहा
महेंद्र कुमार ने पीएमएलए की धारा 8(3) के तहत न्याय निर्णायक प्राधिकरण द्वारा 10 फरवरी 2021 को पारित एक आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। अदालत ने ईडी के तर्कों को ठुकराते हुए खंडेलवाल के परिसरों में तलाशी और जब्ती कार्रवाई के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों, डिजिटल उपकरणों, संपत्ति और अन्य सामग्री को वापस करने का आदेश दिया।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।