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'झगड़े के बाद पत्नी की हत्या करने वाला व्यक्ति मर्डर का दोषी नहीं', दिल्ली हाई कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा?

पत्नी के साथ झगड़े के बाद हत्या करने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि उसने क्रूर कृत्य नहीं किया है। कोर्ट ने पाया कि पीड़ित और उसके पति के बीच झगड़ा हुआ था। दिल्ली हाई कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि झगड़े के बाद पत्नी की हत्या करने वाला व्यक्ति मर्डर का दोषी...

By AgencyEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Thu, 23 Nov 2023 05:58 PM (IST)
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झगड़े के बाद पत्नी की हत्या करने के मामले में हाई कोर्ट का अहम फैसला
पीटीआई, नई दिल्ली। झगड़े के बाद पत्नी की हत्या करने के 14 साल बाद उसे दिल्ली हाई कोर्ट ने गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया है। कोर्ट ने कहा कि झगड़े के बाद पत्नी की हत्या करने वाला व्यक्ति मर्डर का दोषी नहीं है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि उसने क्रूर कृत्य नहीं किया है।

दोनों के बीच पहले हुआ झगड़ा

कोर्ट ने पाया कि पीड़ित और उसके पति के बीच झगड़ा हुआ था। इसके बाद पत्नी ने आरोपी के ऊपर हमला कर दिया, जिसके बाद आरोपी ने उसे चाकू मार दिया। इस तरह से हत्या करने के लिए पहले से कोई विचार नहीं था और न ही उसने क्रूर तरीके से काम किया। उसे पता था कि चोट उसकी पत्नी की मौत का कारण बन सकती है।

2009 में चाकू मारकर हत्या का आरोप

सहायक सत्र न्यायाधीश नवजीत बुद्धिराजा अलमंथा के खिलाफ मामले पर सुनवाई कर रहे थे। अलमंथा पर 16 अगस्त 2009 को अपनी पत्नी का हत्या करने का आरोप था। हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार के बारे में कोर्ट ने कहा कि अगर चाकू नाले से बरामद किया गया होता, तो खून के धब्बे मिट गए होते। फोरेंसिक से ऐसे कोई संकेत नहीं मिले, जिससे खून के धब्बे के निशान दोबारा नहीं मिल सकते।

खून से लपथ पड़े थे दोनों

कोर्ट ने 20 नवंबर के अपने आदेश में कहा कि दंपती के दो बेटों की गवाही के अनुसार, आरोपी और उसकी पत्नी खून से लथपथ हालत में पड़े मिले। इसके बाद दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद आरोपी से पूछताछ की गई और उसने हथियार के बारे में खुलासा किया।

अदालत ने सबूतों पर गौर करते हुए कहा कि दोनों के बीच झगड़ा हुआ था और इसलिए कोई पूर्व-चिंतन नहीं था। गुस्सा बहुत ज्यादा रहा होगा और आरोपी को भी चाकू से घाव हुआ होगा। अदालत ने कहा कि आरोपी पर हमले के बाद उसने जवाबी कार्रवाई की होगी और मृतक पर चाकू से वार किया होगा।

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अदालत ने कहा कि आरोपी पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत आरोप लगाया गया था, लेकिन उसे आईपीसी की धारा 304 भाग 1 (दोषी) के तहत दोषी पाया गया है। अदालत ने मामले को शुक्रवार को हलफनामा दाखिल करने के लिए पोस्ट किया। अनिवार्य प्रक्रिया पूरी होने के बाद सजा पर बहस शुरू होगी।

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