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Delhi High Court: पति की गलती न होने पर भी पत्नी का बार-बार ससुराल छोड़ कर जाना क्रूरता, कोर्ट ने तलाक को किया मंजूर

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि पति की गलती न होने पर भी बार-बार ससुराल छोड़ कर जाना क्रूरता के दायरे में आता है। हाईकोर्ट ने क्रूरता के आधार पर पति की तलाक को मंजूर कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि शादी आपसी सहयोग समर्पण और गठजोड़ का आधार है। पति का आरोप था कि पत्नी हिंसक स्वभाव की थी और उसके साथ क्रूर व्यवहार करती थी।

By Vineet Tripathi Edited By: Sonu Suman Updated: Fri, 05 Apr 2024 01:57 PM (IST)
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दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- पति की गलती न होने पर भी बार-बार ससुराल छोड़ कर जाना क्रूरता।
विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। पति की गलती न होने पर भी बार-बार ससुराल छोड़ कर जाना क्रूरता के दायरे में आता है। क्रूरता के आधार पर पति की तलाक को मंजूरी देते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि शादी आपसी सहयोग, समर्पण और गठजोड़ का आधार है।

दरअसल, दंपती की शादी 1992 में हुई थी और पारिवारिक अदालत ने पति को तलाक देने से इनकार कर दिया था। पति का आरोप था कि पत्नी हिंसक स्वभाव की थी और उसके साथ क्रूर व्यवहार करती थी।

ससुराल वापस आने लिए कोई उचित प्रयास नहीं

अदालत ने पति की अपील स्वीकार करते हुए कहा कि महिला ने ससुराल वापस आने लिए कोई उचित प्रयास नहीं किए। वहीं, पति ने दोस्तों, रिस्तेदारों के माध्यम से प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सका। इससे स्पष्ट होता है कि महिला बिना किसी वजह के अपीलकर्ता से अलग हुई।

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