'यौन संबंध के बावजूद गर्लफ्रेंड को छोड़ देना अपराध नहीं'- दिल्ली HC की अहम टिप्पणी
delhi high court न्यायमूर्ति विभू बाखरू की पीठ ने कहा कि अब यौन सहमति पर ‘नहीं मतलब नहीं’ के नियम से आगे बढ़ने का व्यापक अर्थ स्वीकृति है और ‘हां का मतलब हां’ है।
By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 11 Oct 2019 09:28 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। दुष्कर्म के एक मामले में निचली अदालत द्वारा आरोपित को बरी करने के फैसले को बरकरार रखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने अहम टिप्पणी में कहा है कि यौन संबंध के बावजूद प्रेमी द्वारा छोड़ देना घृणास्पद लग सकता है, लेकिन यह अपराध नहीं है। न्यायमूर्ति विभू बाखरू की पीठ ने कहा कि अब यौन सहमति पर ‘नहीं मतलब नहीं’ के नियम से आगे बढ़ने का व्यापक अर्थ स्वीकृति है और ‘हां का मतलब हां’ है। पीठ ने पुलिस की अपील याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि निचली अदालत के फैसले में कोई दुर्बलता नहीं थी।
पीठ ने कहा कि युवती का दावा है कि उसकी सहमति स्वैच्छिक नहीं थी, लेकिन उसे शादी के वादे के बहाने प्रेरित करके शारीरिक संबंध बनाया गया, लेकिन यह सुनवाई के दौरान साबित नहीं हो सका। पीठ ने रिकॉर्ड पर लिया कि दुष्कर्म की पहली कथित घटना के तीन महीने बाद युवती स्वेच्छा से 2016 में युवक के साथ होटल में गई थी और विवाद का विषय नहीं है कि यह शादी करने के वादे से प्रेरित था।
युवती ने 2016 में युवक पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसने कहा था कि आरोपित व उसके बीच प्रेम संबंध हो गया और आरोपित ने उससे शादी करने का वादा किया था। 2016 में उसने अपनी मां से मिलने के लिए घर बुलाया, लेकिन वह घर में अकेला मिला। इसका फायदा उठाकर आरोपित ने उसके साथ दुष्कर्म किया था।
युवती ने आरोप लगाया था कि तीन महीने बाद वह उसे होटल में ले गया और दुष्कर्म किया। बाद में उसने युवती के साथ रिश्ता तोड़ दिया। युवती के माता-पिता ने निचली अदालत के सामने कहा था कि वे बेटी की शादी आरोपित के साथ करने के लिए सहमत नहीं थे।
शीला दीक्षित के बेटे का सनसनीखेज आरोप, कहा- 'पीसी चाको हैं मां की मौत के जिम्मेदार'
रफ्तार पकड़ रहा Rapid Rail Project, 82 km. का सफर महज 60 मिनट में होगा तय
दिल्ली में सफर करने वाले 30 लाख यात्रियों के लिए खुशखबरी, मेट्रो में बढ़ाए जाएंगे कोच
दिल्ली-NCR की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।