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गांधीजी के समाधि स्थल राजघाट को लेकर HC की अहम टिप्पणी, बताया- पूजा स्थल के समान

दिल्ली हाईकोर्ट ने समाधि स्थल का रख-रखाव सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 16 Feb 2018 07:43 PM (IST)
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गांधीजी के समाधि स्थल राजघाट को लेकर HC की अहम टिप्पणी, बताया- पूजा स्थल के समान

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली हाई कोर्ट ने महात्मा गांधी के समाधि परिसर को पूजा स्थल के समान बताते हुए पूछा कि क्या किसी पूजा स्थल को बदहाल स्थिति में रखा जा सकता है? कार्यवाहक न्यायमूर्ति गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने रख-रखाव, संरक्षण और प्रशासन के लिए गठित राजघाट समाधि समिति (आरएससी) की वैधानिक कार्यों में पूरी तरह नाकाम रहने के लिए जमकर खिंचाई भी की।

पीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट के 2012 के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि राजघाट समाधि पूजा स्थल की तरह ही है। पीठ ने कहा कि शहरी विकास मंत्रालय ने आरएससी को वैधानिक संस्था की सूची में रखा है। समिति महात्मा गांधी की जयंती और पुण्यतिथि मनाने के लिए खास समारोह करती है।

इसके अलावा, सर्वधर्म प्रार्थना सभा और कीर्तन का आयोजन साल भर होता है। पीठ ने समिति को समाधि का रख-रखाव सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। अदालत एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

इसमें राजघाट का ढंग से रख-रखाव नहीं होने और जलाशयों में गंदगी की बात कही गई है। पीठ ने स्थानीय आयुक्त, वकील सत्यकाम की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट पर गौर करने के बाद नाराजगी जताई।

एजेंसियां कुत्ताें व बंदरों की संख्या रोकें: हाई कोर्ट

वहीं, एक अन्य मामले में पशुओं के आंतक से जुड़े दो अलग-अलग मामलों की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने संबंधित सरकारी एजेंसियों को कारगर योजना तैयार करने का निर्देश दिया है। इसके तहत कोर्ट ने तीनों नगर निगमों को दिल्ली में कुत्तों के बंध्याकरण पर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।

साथ ही भारतीय वन्यजीव संस्थान बंदरों का गर्भनिरोधक टीका जल्द विकसित कराने का निर्देश दिया है। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर ने कहा कि दिल्ली के लोग लावारिस पशुओं के आतंक से परेशान हैं।

उदाहरण के तौर पर खंडपीठ ने कहा कि एक जज को सैर पर जाते समय कुत्तों ने दो बार काट लिया। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने भी कहा कि लुटियंस जोन में अपने आवास के बाहर टहलना मुश्किल है। कोर्ट ने तीनों निगमों को सात मार्च को कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।

वहीं भारतीय वन्यजीव संस्थान से बंदरों के गर्भनिरोधक टीका विकसित करने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी की शोध परियोजना पर जल्द निष्कर्ष पर पहुंचने को कहा है।

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