Delhi: रामलीला मैदान में सभा को लेकर हाईकोर्ट ने केंद्र, दिल्ली पुलिस और नगर निगम से मांगा जवाब
दिल्ली हाईकोर्ट ने चार दिसंबर को रामलीला मैदान में एक बड़ी सभा आयोजित करने के लिए एक संगठन को अनुमति देने की मांग वाली याचिका पर बुधवार को केंद्र दिल्ली पुलिस और दिल्ली नगर निगम से जवाब मांगा। पीठ के समक्ष दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश अधिवक्ता ने अरुण पंवार ने बताया चार दिसंबर को कार्यक्रम आयोजित करने के लिए एनओसी के संबंध में आवेदन पर विचार किया गया।
By Ritika MishraEdited By: GeetarjunUpdated: Thu, 23 Nov 2023 12:28 AM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने चार दिसंबर को रामलीला मैदान में एक बड़ी सभा आयोजित करने के लिए एक संगठन को अनुमति देने की मांग वाली याचिका पर बुधवार को केंद्र, दिल्ली पुलिस और दिल्ली नगर निगम से जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ के समक्ष दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश अधिवक्ता ने अरुण पंवार ने पीठ को बताया कि चार दिसंबर को कार्यक्रम आयोजित करने के लिए एनओसी के संबंध में आवेदन पर विचार किया गया है, लेकिन अनुरोध को स्वीकार नहीं किया जा सका।
उन्होंने बताया कि मध्य जिले को तीन दिसंबर से पांच दिसंबर तक रामलीला मैदान में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए महात्यागी सेवा संस्थान की ओर से आठ नवंबर को आवेदन प्राप्त हुआ है। अधिवक्ता ने कहा कि महात्यागी सेवा संस्थान को चार दिसंबर के लिए पहले ही एनओसी दी जा चुकी है, इसलिए उसी तारीख के लिए किसी अन्य आवेदन पर विचार करना संभव नहीं है।
अदालत ने पुलिस से दूसरे संगठन के आवेदन की प्रति और यह कब प्राप्त हुआ सहित संबंधित रिकॉर्ड पेश करने को कहा। पीठ ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 24 नवंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
याचिकाकर्ता चार दिसंबर को रामलीला मैदान में अखिल भारतीय मुस्लिम महापंचायत कार्यक्रम के आयोजन के लिए एनओसी की मांग करने वाले अपने आवेदन पर मध्य जिले के पुलिस उपायुक्त द्वारा निर्णय लंबित करने से व्यथित है।
याचिकाकर्ता संगठन ने पहले 29 अक्टूबर को एक सामूहिक बैठक बुलाई थी जिसकी उन्हें शुरुआत में अनुमति भी दी गई थी लेकिन बाद में अनुमति आदेश को पुलिस ने रद्द कर दिया था। याचिकाकर्ता ने इसके बाद अपने कार्यक्रम को चार दिसंबर के लिए पुनर्निर्धारित किया और 10 नवंबर को रामलीला मैदान बुक करने की अनुमति के लिए आवेदन किया।
याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता अल्पसंख्यक समुदायों से लेकर एससी, एसटी, ओबीसी जैसे अन्य समुदायों के साथ शुरू होने वाले सभी कमजोर वर्गों को मजबूत करने के लिए कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शुरू करना चाहता है और बैठकों में सभी पीड़ितों की आवाज उठाई जाएगी।
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