छात्राओं के कपड़े बदलते हुए वीडियो बनाने का मामला, HC ने लिया संज्ञान; DU, IPU और IIT दिल्ली को भेजा नोटिस
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी IIT) दिल्ली द्वारा आयोजित रेंडेजवस उत्सव के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के भारती कॉलेज की विभिन्न छात्राओं के वॉशरूम में कपड़े बदलते हुए वीडियो बनाने के मामले का दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने कहा कि अदालत की राय में पर्याप्त सुरक्षा उपाय किया जाना जरूरी है।
By Vineet TripathiEdited By: GeetarjunUpdated: Tue, 10 Oct 2023 09:16 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी, IIT) दिल्ली द्वारा आयोजित रेंडेजवस उत्सव के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के भारती कॉलेज की विभिन्न छात्राओं के वॉशरूम में कपड़े बदलते हुए वीडियो बनाने के मामले का दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने कहा कि अदालत की राय में पर्याप्त सुरक्षा उपाय किया जाना जरूरी है, ताकि इस तरह के कृत्यों का सामना करने के किसी भी डर के बगैर छात्राएं ऐसे आयोजनों में भाग ले सकें।
क्या कहा अदालत ने?
अदालत ने कहा कि इस तरह के प्रकरण से पीड़ित छात्राएं परेशान हैं और विभिन्न इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसे वीडियो के प्रसार व इसके दुरुपयोग ने स्वाभाविक रूप से उनकी चिंताएं बढ़ा दी हैं। अदालत ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में कॉलेजों या विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित विभिन्न उत्सवों में महिला प्रतिभागियों के सुरक्षा उल्लंघनों के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया है।
दिल्ली कई शिक्षण संस्थानों से मांगा जवाब
अदालत ने कहा कि छात्राओं की सुरक्षा उल्लंघनों की बार-बार हो रही घटनाएं अधिकारियों के उदासीन दृष्टिकोण को दर्शाती हैं। अदालत ने दिल्ली विश्वविद्यालय, आईआईटी-दिल्ली और गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।दो सप्ताह के अंदर मांगी रिपोर्ट
इसने दिल्ली पुलिस को मामले में आरोपियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का विवरण देते हुए दो सप्ताह के अंदर स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। अदालत ने साथ ही विश्वविद्यालयों को अपने परिसर में आयोजित कालेज उत्सवों के दौरान सुरक्षा उपायों के लिए अपनी मौजूदा नीति का संकेत देते हुए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया।
अधिकारी पूरी तालीनता से करें जांच
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि मामले के जांच अधिकारी पूरी तल्लीनता से जांच करेंगे और मामले में शामिल किसी भी छात्रा की पहचान उजागर नहीं की जाएगी। अदालत ने आरोपितों द्वारा खींची गई तस्वीरों/रिकॉर्ड किए गए वीडियो के प्रसार को रोकने के लिए त्वरित कदम उठाने का भी निर्देश दिया।अदालत ने यह भी कहा कि यदि किसी इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसे प्रसारित किया जाता है तो संबंधित पुलिस उपायुक्त व जांच अधिकारी इसे हटाने के लिए तत्काल कदम उठाएं।
अदालत ने पूर्व में दिए गए आदेशों का हवाला भी दिया, जिसमें कॉलेज उत्सवों के दौरान सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए विश्वविद्यालय और पुलिस के बीच सक्रिय सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया गया था। यह घटना छह अक्टूबर को हुई थी।ये भी पढ़ें- दिल्ली LG ने ऑथर अरुंधति रॉय और पूर्व कश्मीरी प्रोफेसर के खिलाफ मुकदमा चलाने की दी मंजूरी, जानिए क्या है मामला
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