स्मृति ईरानी की डिग्रियों पर विवाद, शैक्षणिक योग्यता से जुड़े मामले में 19 अक्टूबर को सुनवाई करेगा दिल्ली HC
स्मृति ईरानी द्वारा वर्ष 2004 2011 और 2014 में निर्वाचन आयोग के समक्ष दायर तीन हलफनामों में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत और भ्रामक जानकारी देने का आरोप लगाते हुए दायर की गई पुनरीक्षण याचिका के अधार पर दिल्ली हाईकोर्ट 19 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ता अहमर खान ने उनकी शिकायत को खारिज करने के निचली अदालत के निर्णय को चुनौती देते हुए पुनरीक्षण याचिका दायर की है।
By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Wed, 27 Sep 2023 12:20 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा वर्ष 2004, 2011 और 2014 में निर्वाचन आयोग के समक्ष दायर तीन हलफनामों में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत और भ्रामक जानकारी देने का आरोप लगाते हुए दायर की गई पुनरीक्षण याचिका के अधार पर दिल्ली हाईकोर्ट 19 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।
याचिकाकर्ता अहमर खान ने उनकी शिकायत को खारिज करने के निचली अदालत के निर्णय को चुनौती देते हुए पुनरीक्षण याचिका दायर की है। याचिका पर न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने अभियोजन पक्ष समेत अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
शैक्षणिक योग्यता के बारे में दी गलत जानकारी
खान ने शिकायत में आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा और राज्यसभा चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करते समय निर्वाचन आयोग के समक्ष दायर तीन हलफनामों में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत जानकारी दी थी।बताया डीयू से किया है ग्रेजुएशन
वर्ष 2004 में चांदनी चौक से लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए ईरानी ने अपने हलफनामे में कहा था कि उन्होंने 1996 में दिल्ली विश्वविद्यालय (पत्राचार स्कूल) से बीए पूरा किया। वहीं, गुजरात से राज्यसभा के लिए चुनाव लड़ते समय वर्ष 2011 में एक और हलफनामा दायर कर कहा था कि उनकी उच्चतम शैक्षणिक योग्यता डीयू से वर्ष 1994 में बीकाम पार्ट-1 स्कूल ऑफ कोरेस्पोंडेंस थी।
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त लोक अभियोजक ने कहा कि खान ने सत्र न्यायालय जाने के बजाए सीधे हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर की है।
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