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Delhi History Timeline: इंद्रप्रस्थ से नई दिल्ली बनने तक की कहानी, प्वाइंट्स में जानें समय की जुबानी

Delhi History Timeline वर्तमान दिल्ली को प्राचीन इतिहास में इंद्रप्रस्थ की राजधानी के नाम से जाना था। बताया जाता है कि ईसा पूर्व के 1000 साल पहले पांडवों ने इंद्रप्रस्थ शहर को यमुना नदी के किनारे बसाया था।

By Abhishek TiwariEdited By: Updated: Fri, 12 Aug 2022 01:00 PM (IST)
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Delhi History Timeline: इंद्रप्रस्थ से नई दिल्ली बनने तक की कहानी, प्वाइंट्स में जानें समय की जुबानी
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Delhi History Timeline: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, राजनीति से लेकर आंदोलनों के लिए जानी जाती है। इसका इतिहास बहुत पुराना है। महाभारत काल से लेकर अंग्रेजों से आजाद होने के पहले तक कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटी। दिल्ली को कई बार तोड़ा गया, फिर जोड़ा गया। आइए समयवार इसके दिलचस्प इतिहास पर एक नजर डालते हैं।

  • दिल्ली का प्राचीन इतिहास

  • ईसा पूर्व के 1000 साल पहले इसे महाभारत काल में इंद्रप्रस्थ की राजधानी के रूप में जाना जाता था।
  • पांडवों ने श्रीकृष्ण की सहायता से खांडव प्रस्थ पहुंचकर इंद्र के सहयोग से इंद्रप्रस्थ नामक नगर बसाया था।
  • पांडवों ने इंद्रप्रस्थ की राजधानी बनाने के लिए खंडावरण्य के जंगल को चुना था।
  • आदिपर्व के 206 वें अध्याय में इस नगरी के निर्माण का वर्णन मिलता है।
  • पांडवों के समय से तोमरों के समय तक का ऐतिहासिक विवरण उपलब्ध नहीं है।

मध्यकालीन दिल्ली का इतिहास

  • दिल्ली के इतिहास के अनुसार 736 ईसवी में अनंगपाल तोमर ने तोमर राजवंश की स्थापना की थी।
  • तोमर राजवंश ने दिल्ली पर 736 ईसवी से लेकर 1150 तक शासन किया।
  • इसके बाद 1150 में चौहान राजवंश ने दिल्ली पर शासन शुरू किया।
  • कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1206 में गुलाम राजवंश की स्थापना की।
  • इस राजवंश ने 1206 से लेकर 1290 तक शासन किया।
  • गुलाम वंश के बाद दिल्ली पर खिलजी वंश ने शासन किया।
  • 1321 में दिल्ली तुगलक वंश के आधीन आ गई।
  • 1414 में ख्रिज खां ने सैय्यद वंश की स्थापना की।
  • 1450 में बहलोल लोदी ने लोदी वंश की स्थापना की, जिसने 1526 तक शासन किया।
  • 1526 ईसवी में बाबर ने मुगल वंश की स्थापना की।
  • 1857 की क्रांति के बाद मुगल वंश खत्म हो गया और 1877 ईसवी में अंग्रेजों ने दिल्ली पर कब्जा कर लिया।
आधुनिक इतिहास

  • 1903 ईसवी में वायसराय लॉर्ड कर्जन ने किंग एडवर्ड (VII)के राज्याभिषेक के उपलक्ष्य में दूसरे दिल्ली दरबार का आयोजन किया।
  • 1911 में किंग जॉर्ज (V)ने तीसरे दिल्ली दरबार के दौरान राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने की घोषणा की।
  • 1912 में नए शाही शहर को बसाने की योजना शुरू हुई।
  • 1913 में सर एडविन लुटियंस और सर हर्बर्ट बेकर को नए शहर के लिए नियुक्त किया गया।
  • 1921 में आल इंडिया वार मेमोरियल (आज का इंडिया गेट) की आधारशिला रखी गई।
  • 1929 में लार्ड इरविन ने विक्टोरिया हाउस (राष्ट्रपति भवन) की आधारशिला रखी।
  • 1931 में नई दिल्ली का उद्घाटन हुआ और यह ब्रिटिश भारत की नई राजधानी बन गई।
  • 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से स्वतंत्र होने के बाद नई दिल्ली स्वतंत्र भारत की राजधानी बनी।
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एक और दिलचस्प बात है कि यह नगर हर बार उजड़ने के साथ एक अलग स्थान पर ही बसा, नए ढंग से बसा। इसके उजड़ने और बसने की दास्तां में हर शासक इसे अपने अनुकूल नामों से पुकारता रहा। दिल्ली के माथे पर कई नाम सजते रहे। दिल्ली का सबसे प्राचीन नाम इंद्रप्रस्थ है। ‘पृथ्वीराज रासो’ के मुताबिक, महाभारत जैसे विशाल ग्रंथ की मूल प्रस्तावना में इस नगर का उल्लेख मिलता है।

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