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Delhi HSRP Sticker: हाई है सिक्योरिटी नंबर प्लेट की टेंशन, सरकार कर रही प्रयास

Delhi HSRP Sticker अब सवाल यही है कि आखिर सरकार द्वारा एचएसआरपी को लागू करने और चालान काटने के नियम से पूर्व इसकी नियोजन प्रणाली को मजबूत क्यों नहीं बनाया गया? इसी की पड़ताल करना हमारा आज का मुद्दा है

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Wed, 23 Dec 2020 12:19 PM (IST)
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गोकुलपुरी स्थित वर्कशॉप में कार में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाता एक कर्मचारी’ जागरण
नई दिल्ली, जेएनएन। नियम व कानून कमजोर नहीं होते, उसे लागू कराने की प्रणाली से जो अव्यवस्था उपजती है, उस पर सवाल खड़े होते हैं। अब हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लागू होने की कमजोर प्रणाली ने इस सुविधा के लाभ भी गौण कर दिए हैं। लोग सिर्फ चालान नहीं कट जाए, इससे भयभीत हैं, जबकि एचएसआरपी से वाहन कितना सुरक्षित व महफूज रह सकता है, इसकी जागरूकता लोगों में बहुत कम है। ये ऐसी नंबर प्लेट है जिसके जरिये वाहन को कहीं भी आसानी से ट्रेस किया जा सकता है और वाहन चोरी होने पर भी नंबर को बदला नहीं जा सकता। लेकिन कमजोर नियोजन प्रणाली के कारण यह काम सिर दर्द बन गया है।

यदि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने और रंगीन स्टीकर लगाने के सेंटर व आनलाइन आवेदन सुचारु तरीके से काम करते, इसका दायरा व पहुंच को बढ़ाया जाता तो लोगों में चालान की मोटी रकम का भी डर नहीं होता, लोग उसे नियम की तरह ही लेते। 

सरकार कर रही है प्रयास

  • बढ़ाई गई है हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट, रंगीन स्टीकर लगाने की प्रतिदिन की क्षमता
  • दोनों ही मामलों में दिल्ली के लोगों को होम डिलीवरी की सुविधा
गुरुग्राम के क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण के सचिव धारणा यादव ने बताया कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट के लिए सख्ती बरतने के साथ ही लोगों को इसके लिए जागरूक भी किया जा रहा है। जहां तक आनलाइन सुविधा का सवाल है तो यह जल्द ही उपलब्ध होगी। वाहन चालकों से अपील है कि वे जल्द प्लेट लगवा लें।

गाजियाबाद के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी विश्वजीत प्रताप सिंह ने बताया कि किसी के झांसे में न आएं। फर्जी प्लेट तुरंत पकड़ में आ जाती है। डीलर द्वारा अधिकृत कंपनी की वेबसाइट पर आनलाइन फीस जमा करके ही एचएसआरपी के लिए आवेदन करें और कहीं भी एचएसआरपी के लिए आवेदन नहीं होता है।

फरीदाबाद के डीसीपी हेडक्वार्टर डा. अर्पित जैन ने बताया कि जिन वाहनों पर यह प्लेट नहीं है, उनके चालान का अभियान चलाया जाता है। 1 नवंबर से चालान अभियान शुरू किया गया है। जिन वाहनों पर एचएसआरपी नहीं लगी, पुलिसकर्मी उनके चालान कर रहे हैं। एक महीने में 500 से अधिक इस तरह के चालान किए गए हैं।

गौतमबुद्धनगर के एआरटीओ (प्रशासन) एके पांडेय ने बताया कि विभागीय स्तर पर लोगों की परेशानी दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। फ्राड से बचने के लिए वेबसाइट पर ही आनलाइन आवेदन करने की सलाह दी जा रही है। अब तक 19 फीसद वाहनों पर एचएसआरपी लगाई जा चुकी है। 81 फीसद वाहनों पर प्लेट लगाने का काम मार्च 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा।

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