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G20 Summit में आएगा विमानों का बेड़ा, IGI Airport पर Airforce-1 सहित सब हवाई जहाजों की पार्किंग का पूरा प्रबंध

अमेरिकी राष्ट्रपति का विशेष विमान एयरफोर्स वन (Airforce One) हो या फिर चीन के राष्ट्रपति का विमान जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) में हिस्सा लेने आने वाले विदेशी अतिथियों के विमानों की पार्किंग में आईजीआई एयरपोर्ट (IGI Airport Delhi) पर कहीं दिक्कत नहीं होगी। विदेशी अतिथियों के विमानों के लिए आईजीआई एयरपोर्ट पर दो स्थानों को विशेष तौर पर चिह्नित किया गया है।

By Gautam Kumar MishraEdited By: GeetarjunUpdated: Wed, 30 Aug 2023 12:31 AM (IST)
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G20 Summit में आएगा विमानों का बेड़ा, IGI Airport पर Airforce-1 सहित सब हवाई जहाजों की पार्किंग का पूरा प्रबंध

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अमेरिकी राष्ट्रपति का विशेष विमान एयरफोर्स वन (Airforce One) हो या फिर चीन के राष्ट्रपति का विमान, जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) में हिस्सा लेने आने वाले विदेशी अतिथियों के विमानों की पार्किंग में आईजीआई एयरपोर्ट (IGI Airport Delhi) पर कहीं दिक्कत नहीं होगी। विदेशी अतिथियों के विमानों के लिए आईजीआई एयरपोर्ट पर दो स्थानों को विशेष तौर पर चिह्नित किया गया है।

इनमें पालम टेक्निकल एरिया और टर्मिनल 1 के निकट स्थित स्मार्ट एप्रन व चाटर्ड विमानों के लिए बना टर्मिनल शामिल है। दोनों स्थानों को मिलाकर अलग-अलग आकारों के करीब 110 एयरक्राफ्ट की पार्किंग की जा सकती है। किस देश के विमान की कहां पार्किंग होगी, इसके लिए जगह चिह्नित करने का कार्य जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति के विमान को यहां मिलेगी जगह

अमेरिकी राष्ट्रपति सहित ऐसे राष्ट्राध्यक्ष जो अपने देश के विशेष विमानों से नई दिल्ली पहुंचेंगे, उनकी विमानों को टेक्निकल एरिया के आसपास पार्किंग की जगह मिलेगी। टर्मिनल 1 के नजदीक बना स्मार्ट एप्रन टेक्निकल एरिया के नजदीक है।

स्मार्ट एप्रेन में विमानों के लिए हर सुविधा

ऐसे में पूरी संभावना है कि इन विमानों को यहां पार्किंग के लिए जगह उपलब्ध कराई जाएगी। स्मार्ट एप्रन में विमानों में ईंधन भरने से लेकर साफ-सफाई तक के कार्यों में कोई दिक्कत नहीं होती है। यहां कम से कम कर्मियों में अधिक से अधिक काम लिया जा सकता है।

भूमिगत पाइप से भरा जाएगा ईंधन

परंपरागत एप्रन में जहां ईंधन भरने के लिए टैंकर से तेल की व्यवस्था होती है, वहीं स्मार्ट एप्रन में भूमिगत पाइप नेटवर्क द्वारा विमानों में ईंधन भरा जाता है। इसके अलावा यहां भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से गंदे पानी की निकासी का भी इंतजाम रहता है।

सूत्रों की मानें तो विदेशी मेहमानों के विशेष विमानों के पास जितने कम व्यक्तियों का मूवमेंट रहे, उतना सुरक्षा की दृष्टि से बेहतर माना जाएगा।

अंतिम निर्णय विदेश व गृह मंत्रालय के निर्देश पर

एयरपोर्ट की पार्किंग में कौन सा विमान कहां खड़ा रहेगा, इसका अंतिम निर्णय गृह मंत्रालय व विदेश मंत्रालय के अधिकारी करेंगे। इस निर्णय में संबंधित देश की एजेंसियों से भी जरूरी सलाह ली जा सकती है।

उदाहरण के तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति के विमान एयरफोर्स वन से पहले अमेरिका से राष्ट्रपति की भारत यात्रा को लेकर कई विमानों के पहुंचने की संभावना है। संभावना है कि वे भी एक बार तमाम दृष्टि से विचार करके अपनी सलाह दें। सुरक्षा एजेंसियां भी इस बात को लेकर तमाम कोण से विचार कर रही हैं।

एप्रन क्या होता है?

एयरपोर्ट पर एप्रन ऐसा क्षेत्र होता है, जहां विमान पार्क किए जाते हैं। यहां विमानों से सामान उतारा या चढ़ाया जाता है। ईंधन भरा जाता है।

मॉक ड्रिल में लिया गया तैयारियों का जायजा

मंगलवार को पालम एयरफोर्स स्टेशन पर मॉक ड्रिल किया गया। ड्रिल के दौरान सुरक्षा व अतिथियों के आवागमन के दौरान की जाने वाली तमाम जरूरी व्यवस्थाओं का पूर्वाभ्यास किया गया। इस दौरान पुलिस व अन्य एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी वहां मौजूद रहे।

29 देशों के राष्ट्रायध्यक्षों के शामिल होने की संभावना

शिखर सम्मेलन में 29 राष्ट्राध्यक्षों के साथ-साथ यूरोपीय संघ के शीर्ष अधिकारियों और आमंत्रित अतिथि देशों और 14 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के भाग लेने की संभावना है।

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