Delhi Fake Visa: घर पर 5 साल से बना रहा था फर्जी वीजा, IGI एयरपोर्ट थाना पुलिस ने गैंग का किया भंडाफोड़
Delhi Fake Visa Unit दिल्ली पुलिस ने रविवार को कहा कि उसने सात लोगों को गिरफ्तार किया है। पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर इलाके में चल रहे नकली वीजा बनाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी के घर से 14 नेपाली और दो भारतीय पासपोर्ट के साथ-साथ नकली वीजा बनाने में इस्तेमाल होने वाले भारी मात्रा में उपकरण जब्त किए गए हैं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (IGI Airport Delhi) एयरपोर्ट थाना पुलिस ने फर्जी वीजा बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह का मुख्य आरोपी 20 वर्ष से बैनर बनाने का काम कर रहा था। वह वीजा बनाने में अब इतना अनुभवी हो चुका है, मात्र 20 से 25 मिनट में किसी भी देश का फर्जी वीजा बना देता है।
पांच वर्ष से वह हर महीने कम से कम 20 से 50 वीजा ऐसे तैयार कर देता है, जिसका यह बता पाना मुश्किल हो जाता है कि यह फर्जी है या असली।
ये हैं आरोपी
आरोपियों की पहचान तिलक नगर के मनोज मोंगा, निलोठी गांव के बलबीर सिंह, करनाल (हरियाणा) के असंध के नवीन राणा, नीलोखेड़ी गांव के जसविंद्र सिंह उर्फ मिंटी, जींद के सफीदों गांव के आशिफ अली, कुरूक्षेत्र के दीवाना गांवे के संदीप व नेपाल के काठमांडू के शिवा गौतम उर्फ नेपाली के रूप में हुई है।
यह सामान हुआ बरामद
आरोपियों के पास से 30 फर्जी वीजा स्टीकर, विभिन्न देशों के 23 रबड़ स्टैंप, तीन फर्जी पीआर कार्ड, 14 नेपाल के पासपोर्ट, दो भारत के पासपोर्ट, डाई मशीन समेत वीजा व पासपोर्ट बनाने में इस्तेमाल किया जाने वाला सामान बरामद हुआ है।
इस तरह हुआ खुलासा
आईजीआई एयरपोर्ट जिला पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि दो सितंबर को संदीप फर्जी वीजा लेकर इटली जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचा था। इमीग्रेशन पर उसके कागजात की जांच की गई तो उसके पासपोर्ट पर फर्जी वीजा मिला। आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
10 लाख में इटली भेजने का आश्वासन
पूछताछ के दौरान उसने बताया कि आशिफ अली ने दस लाख रुपये में उसे इटली भेजने का आश्वासन दिया था। उसने अपने साथी नवीन राणा व शिवा गौतम की मदद से रोम की यात्रा के लिए टिकट और वीजा की व्यवस्था की थी।
इस तरह पकड़ते चले गए आरोपी
इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने एजेंट आशिफ अली, नवीन राणा और शिवा गौतम को गिरफ्तार कर लिया। उनकी निशानदेही पर एजेंट बलबीर सिंह व जसविंदर सिंह को पकड़ लिया गया। उसने बताया कि फर्जी वीजा मनोज मोंगा ने तैयार किया था। वह फर्जी वीजा बनाने का काम करता है।
डिजाइनिंग में है माहिर
उसकी निशानदेही पर आरोपी को तिलक नगर से उसके ऑफिस/घर से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान मनोज ने बताया कि उसके पास डेस्कटॉप पब्लिशिंग में डिप्लोमा है और वह कोरल ड्रॉ, फोटोशॉप और ग्राफिक डिजाइनिंग में काफी अच्छा है।
इस तरह शुरू किया नकली वीजा बनाने का काम
वह 20 वर्षों से बैनर, पोस्टर बनाने का काम कर रहा है। पांच वर्ष पहले वह जयदीप सिंह नामक शख्स के संपर्क में आया, उसने उसे नकली वीजा बनाने को कहा।
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वीजा के मिलते थे ऑर्डर
उसने मनोज को नकली वीजा बनाने वाले उपकरण जैसे डाई, रबर स्टैम्प, वीजा स्टिकर उपलब्ध कराए। इसके बाद मनोज ने घर पर ही वीजा बनाने का काम शुरू कर दिया। वह हर महीने 20 से 50 फर्जी बनाता था। शुरुआत में जयदीप सिंह फर्जी वीजा बनाने के ऑर्डर उसे देता था। बाद में उसे और एजेंटों से भी ऑर्डर मिलने लगे।