Delhi: यमुना में चल रहा रेत के अवैध खनन का खेल, माफिया की चांदी; पुलिस-प्रशासन फेल-जिम्मेदार बने मूकदर्शक
सूत्रों के मुताबिक हर रात लगभग तीन सौ ट्राली रेत निकाली जाती है। इसके बाद प्रति ट्राली पांच से सात हजार रुपये की दर से बेचा जाता है। यहां से रेत निकालकर उसे दिल्ली-एनसीआर के अन्य शहरों में पहुंचाया जाता है।
By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Fri, 12 May 2023 06:15 AM (IST)
नई दिल्ली, धनंजय मिश्रा। यमुना नदी में रेत खनन रोकने के सारे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं। एनजीटी, सरकार, पुलिस को ठेंगा दिखाते हुए खनन माफिया रात में नदी का सीना चीरकर रेत खनन कर रहे हैं। उत्तरी जिले के वजीराबाद, बुराड़ी, तिमारपुर थाना क्षेत्र और उत्तरी बाहरी जिले के यमुना नदी के किनारे सटे इलाके में रेत माफिया व्यावसायिक लाभ के लिए प्राकृतिक संसाधन का दोहन कर रहे हैं, लेकिन नाक के नीचे धड़ल्ले से चल रहे इस खेल को पुलिस-प्रशासन रोक नहीं पा रहा है। इससे रेत माफिया मालामाल हो रहे हैं।
पुलिस कार्रवाई के नाम पर कभी-कभार रेत से भरे दो-चार ट्रक पकड़कर अपनी कार्रवाई की खानापूर्ति कर लेती है, लेकिन इस धंधे पर पूरी तरह से रोक नहीं लगा पा रही है। वजीराबाद थाना क्षेत्र के जगतपुर में यमुना किनारे इन दिनों अवैध खनन तेजी से चल रहा है। रात में मशीनों की मदद से खनन शुरू होता है। इस इलाके से हर रात रेत भरे ट्रक, डंपर, ट्रैक्टर ट्राली आदि को गुजरते देखा जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी सब कुछ जानते हुए आंखें बंद किए हैं।
रेत खनन में लगे लोग हथियारबंद होते हैं। ऐसे में रात में अधिकारी भी वहां जाकर उन्हें रोकने का जोखिम लेने से डरते हैं। सूत्रों के मुताबिक हर रात लगभग तीन सौ ट्राली रेत निकाली जाती है। इसके बाद प्रति ट्राली पांच से सात हजार रुपये की दर से बेचा जाता है। यहां से रेत निकालकर उसे दिल्ली-एनसीआर के अन्य शहरों में पहुंचाया जाता है। रेत ढोने में जिन वाहनों का इस्तेमाल किया जाता, उनमें अधिकतर हरियाणा और उत्तर प्रदेश के नंबर प्लेट लगे होते हैं।
सागर सिंह कलसी, डीसीपी उत्तरी जिला ने कहा कि रेत के अवैध खनन पर पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाती है। इस पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। पिकेट लगाकर वाहनों की जांच बढ़ाई जाएगी।हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को दिए थे निर्देश
हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को उत्तर प्रदेश में अपने समकक्षों के साथ समन्वय स्थापित करने और दिल्ली के उत्तरी क्षेत्र में यमुना नदी में अवैध रेत खनन रोकने के लिए संयुक्त कार्य बल गठित करने का निर्देश दिया था। उत्तरी दिल्ली के कुछ क्षेत्र में हो रहे अवैध रेत खनन का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा था कि वहां अवैध रेत खनन जारी है और इस तथ्य का अनुचित लाभ उठाया जा रहा है कि क्षेत्र का कुछ हिस्सा दिल्ली में पड़ता है, जबकि दूसरा हिस्सा उत्तर प्रदेश में।
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