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Delhi Water Crisis: दिल्ली में हो सकती है पानी की भारी किल्लत, एसोसिएशन ने दी आज से काम ठप करने की चेतावनी

जल बोर्ड में फंड की कमी के मामले में अब दिल्ली जल बोर्ड कांट्रेक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन भी कूद पड़ा है। एसोसिएशन ने जल बोर्ड और दिल्ली सरकार की जल मंत्री आतिशी को पत्र लिखकर सोमवार से पेयजल और सीवर से जुड़े रखरखाव के कार्यों को ठप करने की चेतावनी दी है। बकाया रकम का भुगतान होने के बाद ही काम दोबारा शुरू किया जाएगा।

By Ranbijay Kumar SinghEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Mon, 27 Nov 2023 08:07 AM (IST)
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Delhi Water Crisis: दिल्ली में हो सकती है पानी की भारी किल्लत
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। जल बोर्ड में फंड की कमी के मामले में अब दिल्ली जल बोर्ड कांट्रेक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन भी कूद पड़ा है। एसोसिएशन ने जल बोर्ड और दिल्ली सरकार की जल मंत्री आतिशी को पत्र लिखकर सोमवार से पेयजल और सीवर से जुड़े रखरखाव के कार्यों को ठप करने की चेतावनी दी है।

करीब नौ माह से है भारी भरकम रकम बकाया

एसोसिएशन का कहना है कि जल बोर्ड के पास कांट्रेक्टरों का करीब नौ माह से भारी भरकम रकम बकाया है। इसके बारे में वे पहले ही जल बोर्ड को सूचित कर चुके हैं। फिर भी बकाया भुगतान नहीं होने से एसोसिएशन ने सभी कांट्रेक्टर्स के साथ बैठक करने के बाद यह फैसला लिया है कि पानी की पाइप लाइन से रिसाव बंद करने, दूषित पानी की शिकायतों को दूर करने, पानी आपूर्ति और उसके रखरखाव, ट्यूब वेल, पंपिंग स्टेशन, सीवर की सफाई और रखरखाव से संबंधित कार्य बंद रखे जाएंगे।

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भुगतान के बाद दोबारा शुरू करेंगे काम

एसोसिएशन के महासचिव विनय मंगला द्वारा 24 नवंबर को लिखे इस पत्र में कहा गया है कि जब तक बकाया भुगतान नहीं होता तब तक काम बंद रखा जाएगा। भुगतान होने के बाद ही काम दोबारा शुरू किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि 21 नवंबर को जल मंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार की सलाह पर प्रधान वित्त सचिव आशीष वर्मा द्वारा जल बोर्ड का फंड रोकने का आरोप लगाया था।

जल बोर्ड का 910 करोड़ राशि बकाया

तब उन्होंने अपने यह आरोप लगाया था कि दूसरी किस्त के रूप में जल बोर्ड का 910 करोड़ राशि बकाया है। प्रधान वित्त सचिव जल बोर्ड द्वारा फंड की मांग किए जाने पर हर बार कोई न कोई आपत्ति बताकर फंड जारी करने से मना कर देते हैं।

इस वजह से दिल्ली में पेयजल संकट और सीवरेज प्रबंधन से जुड़े कामकाज प्रभावित हो सकते हैं। इसके बाद जल बोर्ड ने बयान जारी कर फंड की कमी के कारण पेयजल किल्लत की संभावना से इंकार किया था और कहा था कि पेयजल आपूर्ति और सीवर प्रबंधन से जुड़ी कोई इमरजेंसी भी हुई तो जल बोर्ड उसके लिए तैयार है। 

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