किसान आंदोलन के पीछे सियासी चाल आ रही सामने, राजनेताओं का इस्तीफा मांग रहे किसान
सिंघु बॉर्डर पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे रमनदीप सिंह ने बताया कि आज के समय में किसानों का साथ देने वाला कोई नहीं है। पंजाब में हो रहे विरोध-प्रदर्शन के बीच कई पार्टियों के नेता सांसद विधायक हम लोगों के पास पहुंचे और हमारी मांगों का समर्थन किया।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Fri, 11 Dec 2020 09:32 AM (IST)
पश्चिमी दिल्ली [भगवान झा]। नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार व किसानों के बीच बढ़ी तकरार ने किसान आंदोलन के पीछे सियासी चाल की परतें भी खोलनी शुरू कर दी है। अब यह साफ होने लगा है कि पंजाब में दो महीने तक विरोध- प्रदर्शन के दौरान ही राजनेताओं ने दिल्ली में किसान आंदोलन की पटकथा लिखी और किसानों को उकसाकर खुद पीछे हट गए हैं। राजनेताओं के रवैये से खफा आंदोलनरत किसानों का साफ कहना है कि पंजाब के राजनेता पहले इस्तीफा दें और सिंघु बॉर्डर पर आकर हमारे आंदोलन का हिस्सा बनें। हम यहां सर्द रातें सड़कों पर बिता रहे हैं और राजनेता अपने घरों में आराम कर रहे हैं।
सिंघु बॉर्डर पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे रमनदीप सिंह ने बताया कि आज के समय में किसानों का साथ देने वाला कोई नहीं है। पंजाब में हो रहे विरोध-प्रदर्शन के बीच कई पार्टियों के नेता, सांसद, विधायक हम लोगों के पास पहुंचे और हमारी मांगों का समर्थन किया। आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई, लेकिन दिल्ली की ओर रुख करते ही सभी ने साथ छोड़ दिया।
अगर ये राजनेता किसानों की भलाई चाहते हैं तो पंजाब के सभी 13 लोकसभा सदस्य, 7 राज्यसभा सदस्य और 117 विधायक पहले इस्तीफा दें और फिर आंदोलन स्थल पर आकर हमारा साथ दें। तब हम समझेंगे कि उन्होंने अपना वादा निभाया। एक अन्य किसान सतप्रीत ने बताया कि कुछ नेता ट्विटर पर हमारा समर्थन करते हुए दिखाई देते हैं। ये कैसा समर्थन है? अगर आपको हमारी चिंता है तो आपको सिंघु बॉर्डर पर आकर हमारे बीच रहना चाहिए।
ट्विटर के माध्यम से आंदोलन को अंजाम तक नहीं पहुंचा सकते हैं। अभी तक किसी भी पार्टी का बड़ा नेता हमारे बीच नहीं पहुंचा है। किसान अपनी लड़ाई खुद लड़ रहा है। सिंघु बॉर्डर पर राजनेताओं के प्रति किसानों की नाराजगी से साफ जाहिर होता है कि ये जिस समर्थन की उम्मीद पंजाब में कर रहे थे, वह उन्हें दिल्ली के बॉर्डर पर हासिल नहीं हो सका है।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
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